शिमला: ऑल इंडिया एंटी-टेररिस्ट फ्रंट के अध्यक्ष एमएस बिट्टा ने हिंदी को भारत की प्रथम राष्ट्रभाषा घोषित करने की मोदी सरकार से मांग उठाई है। आज शिमला में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए बिट्टा ने कहा कि हिंदी सब को एक करने वाली तथा व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है। हालांकि देश के दक्षिणी प्रदेशों में अभी भी हिंदी भाषा को बहुत कम इस्तेमाल में लाया जाता है। अन्य प्रदेशों से वहां जाने वाले लोगों को आम बोलचाल को लेकर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
बिट्टा ने कहा कि तमिलनाडु,कर्नाटक और केरल में वहां की क्षेत्रीय भाषाएं बोली जाती हैं और इन राज्यों की यात्रा करने पर ऐसा महसूस होता है कि वे देश में नहीं बल्कि विदेश में पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि वे राज्यों की क्षेत्रीय भाषाओं के विरोधी नहीं हैं और इन्हें भी पूरा सम्मान मिलना चाहिए। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से एक हिंदी को राष्ट्रभाषा घोषित करने की वकालत करने का आग्रह किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि मोदी सरकार हिंदी को प्रथम राष्ट्रभाषा अवश्य घोषित करेगी।
बिट्टा ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के मोदी सरकार के फैसले की सराहना की और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिलेरी से यह संभव हो पाया है। कहा कि सरकार के इस कदम से पाकिस्तान पहली बार बौखलाया हुआ नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का अब अगला कदम पीओके को हासिल करना होना चाहिए। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि पीओके भारत का हिस्सा है और यह शीघ्र भारत को मिलेगा।