नाहन : प्रदेश सरकार लोगों के स्वास्थ्य के प्रति गंभीर है। हेल्थ डिपार्टमेंट में नित नई योजनाएं चलाई जा रही हैं। मगर स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर व कर्मचारी इन योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए गंभीर नहीं है। राजपुरा हेल्थ ब्लॉक के बीएमओ अक्सर ड्यूटी से नदारद रहते हैं।
नाम न छापने की शर्त पर कई डॉक्टरों व पैरा मेडिकल स्टाफ कर्मियों ने बताया कि बीएमओ तनख्वाह लेने के समय आते हैं और उसके बाद ड्यूटी से नदारद हो जाते हैं। इस वजह से सारे प्रशासनिक कार्य रुक जाते हैं। जिस कारण राजपुरा हेल्थ ब्लॉक के तहत आने वाले पीएचसी व अन्य अस्पतालों में रोगियों को दवाइयां नहीं मिल पा रही हैं। यही नहीं पिछले कई दिन से पावंटा अस्पताल सहित पुरे राजपुरा ब्लॉक में एंटी रैबीज इंजेक्शन भी नहीं मिल पा रहे हैं। इस वजह से बीपीएल व आईआरडीपी परिवार के लोग महंगे दामों पर बाजार से इंजेक्शन खरीद कर अपना इलाज करवा रहे हैं।
सोमवार को गांव कोलर में पूर्व पार्षद नरेश कुमार के बेटे को पागल कुत्ते ने काट लिया। बेटे को इलाज के लिए जब नरेश पीएचसी कोलर गए तो जवाब मिला कि एंटी रैबीज इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हैं। जिसके बाद नरेश ने बेटे को बाजार से महंगे दामों पर इंजेक्शन खरीद के लगवाए। यह हाल अकेले नरेश का नहीं है। पुरे पावंटा क्षेत्र में राजपुरा, माजरा, कोलर व हाल ही में अपग्रेड किए गए पावंटा अस्पताल में भी कुत्ते के काटे की वैक्सीन उपलब्ध नहीं हैं। इन दिनों हर रोज दो दर्जन से ज्यादा लोगों को कुत्ते के काटने के मामले घट रहे है। मगर विभागीय लापरवाही के चलते लोगों को इलाज उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। उधर इस बारे में जब बीएमओ राजपुरा से संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन उठाने की जहमत नहीं उठाई।