हमीरपुर : मेहनतकश व्यक्ति कड़ी मेहनत तथा लग्न से हर असंभव कार्य को संभव बनाकर अपनी मंजिल को हासिल कर ही लेता है। ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है विकास खंड बमसन की दूर-दराज ग्राम पंचायत बफड़ी के गांव हरनेड़ के ललित कालिया ने। बफड़ी ग्राम पंचायत के एक छोटे से गांव हरनेड़ के रहने वाले ललित कालिया ने हिमाचल प्रदेश सरकार के शुन्य लागत प्राकृतिक खेती अभियान को पंख लगा दिए हैं।
पांच-छ: माह पहले उन्होंने कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण हमीरपुर द्वारा लगाए गए जागरूकता शिविर में प्राकृतिक खेती को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की। इसके बाद उन्होंने पीछे मुडक़र नहीं देखा। उन्होंने अपने खेतों में जैविक खादों से विभिन्न प्रकार के मौसमी उत्पाद तैयार करने की ठान ली। आज ललित कालिया ने अपनी कड़ी मेहनत तथा लग्न के चलते पांच-छ: महीने में ही प्राकृतिक खेती को लेकर महारत हासिल कर ली है।
कृषि प्रोद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण हमीरपुर की ओर से उन्हें मास्टर ट्रेनर बनाया गया है। वह इस खेती को अपनाने को लेकर अपने गांव तथा विभाग द्वारा लगाए जाने वाले किसान जागरूकता शिविरों में लोगों को देसी गाय के गोबर तथा मूत्र से तैयार घोल की जानकारी प्रदान करते हैं। क्षेत्र के अन्य किसान तथा बागवान भी ललित कालिया से प्रेरणा लेकर प्राकृतिक खेती को अपनाने को प्रेरित तथा प्रोत्साहित हो रहे हैं।
उनका कहना है इस समय उनके गांव में दो और किसान इस खेती को अपना रहे हैं। पांच कनाल भूमि में करेला, भिंडी, अदरक, अरबी, हल्दी, कद्दू, घीया, मक्की, मास, सोयाबीन इत्यादि फसलों की सफलतापूर्वक खेती कर रहे हैं। उन्होंने गौ गोबर तथा मूत्र के घोल से स्प्रे तैयार किया है, जिसे जीवामृत का नाम दिया गया है। इस स्प्रे से बीजों की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए उनका उपचार किया जाता है।