मंडी : कल यानी 6 सितंबर को मंडी को “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” अभियान के तहत एक और राष्ट्रीय पुरस्कार दिया जाएगा। पुरस्कार प्राप्त करने डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर अन्य अधिकारियों सहित दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी कल दिल्ली में जिला को यह राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करेंगी। उल्लेखनीय है कि जिला को यह पुरस्कार पहले 7 अगस्त 2019 को मिलना था। लेकिन पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन के कारण यह समारोह स्थगित कर दिया गया था।
अब दोबारा से इस समारोह की तिथि निर्धारित की गई है। बता दें कि भारत सरकार के “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” अभियान के तहत जिला को एक वर्ष के छोटे से अंतराल में यह दूसरा राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने जा रहा है। इस बार जिला को “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” अभियान के तहत समाज में जागरूकता फैलाने में देश भर में अव्वल आंका गया है। बता दें कि जब देश में “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” अभियान की शुरूआत हुई थी तो उस वक्त जिला को इसमें शामिल नहीं किया गया था। लेकिन जिला प्रशासन ने “मेरी लाडली” अभियान को अपने स्तर पर शुरू करके नई शुरूआत की और कुछ नया करके दिखाया।
7 अक्तूबर 2018 को सीएम जयराम ठाकुर ने मंडी जिला में इस अभियान को विधिवत रूप से शुरू किया। भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने जिला को इस अभियान में प्रभावी जनसहभागिता के लिए देश भर में अव्वल आंका। 24 जनवरी 2019 को डीसी ऋग्वेद ठाकुर को दिल्ली में इसके लिए राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया। अब एक बार फिर से जिला को इस अभियान के तहत बेहतर जागरूकता फैलाने में देश भर में अव्वल आंका गया है।
बता दें कि जिला में “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” अभियान के तहत लैंगिक असंतुलन को दूर करने के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता से कार्य करने के साथ-साथ लड़कियों की शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य, सम्मान, स्वाभिमान और अधिकारों को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है। इसके लिए प्रशासन ने “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” के तहत स्त्री अभियान के माध्यम से महिला मंडलों का सहयोग लेकर गांव-गांव में काम किया है।
अभियान में एक नया आयाम जोड़ते हुए इसे पर्यावरण संरक्षण से जोड़ कर बालिका गौरव उद्यान योजना शुरू की गई है। प्रशासन ने मेलों-त्यौहारों में मानव श्रृंखला बनाकर, सामूहिक कन्या पूजन जैसे कार्यक्रम आयोजित कर जन-जन तक संदेश पहुंचाने एवं जागरूकता लाने के कारगर प्रयास किए हैं। इस बार अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेले के दौरान पहली बार सेरी मंच पर 1008 कन्याओं का सामूहिक पूजन का कार्यक्रम कर पुरातन संस्कृति को बेटियों की सुरक्षा से जोड़ने की कवायद की गई। प्रशासन की इस पहल ने बड़े पैमाने पर लोगों का समर्थन और तारीफ बटोरी। इसके अलावा महिला मंडलों, स्कूल प्रबंधन समितियों, सर्व देव समाज संघ और पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों की भागीदारी से गांव-गांव जागरूकता कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की गई है।
सरकारी कार्यक्रमों में नवजात बच्चिायों के अभिभावकों को बधाई पत्र एवं उपहार देकर सम्मानित व प्रोत्साहित करने पर जोर दिया गया है। जिला में बेटियों के प्रति समाज के नजरिए में काफी ज्यादा बदलाव देखा जा रहा है और इस बदलाव के पीछे अभियान की सक्रियता नजर आ रहा है। मात्र एक वर्ष के छोटे से अंतराल में दो राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल करना यही दर्शा रहा है जिला के लोग बेटियों के प्रति दिन प्रतिदिन सजग होते जा रहे हैं।