बिलासपुर : हिमाचल प्रदेश व्रत एवं त्यौहारों की धरती है, यहां पर कई तरह के त्यौहार मनाए जाते हैं। इन्हीं में से एक व्रत है, जिसके नियम करवा चौथ से भी कठिन है। यह व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए करती है। यह हरितालिका का तीज का व्रत है। इसे पहाड़ी भाषा में चिड़ियों का व्रत भी कहा जाता है। इस व्रत के दौरान महिलाएं समूहों में इकट्ठा होकर नाना प्रकार के फूलों, फलों और पत्तों से शिव भगवान की पूजा करती हैं। सौभाग्य प्राप्ति के लिए अपने पति की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती है।
हालांकि यह व्रत करवाचौथ से भी कठिन है। इस व्रत के दौरान महिलाएं 2 दिन अन्न-जल ग्रहण नहीं करती और दूसरे दिन व्रत खोल कर भोजन करती हैं। उसके बाद शिव भगवान के दर्शन करते हैं। आरती होती है और तब यह व्रत पूर्ण होता है। कहते हैं कि इस व्रत को पार्वती माता ने शिव भगवान को पाने के लिए व्रत किया था।
जंगल में विभिन्न प्रकार के फूलों, पत्तों से शिव भगवान की पूजा की थी। उसी की तर्ज पर महिलाएं आज भी बड़े उत्साह के साथ इस व्रत को करती हैं। नवविवाहित दुल्हन की तरह सजी महिलाएं हाथों पर मेहंदी लगा कर पूजा-अर्चना करने के उपरांत व्रत को खोलती है।