शिमला : हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र की आखिरी बैठक शनिवार को हंगामेदार रही और विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया। सुबह 11 बजे सदन की बैठक शुरू होते ही विपक्षी सदस्य नियम 67 के तहत प्रदेश में बरसात से हुए भारी नुकसान पर चर्चा की मांग करने लगा। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि बरसात से नुकसान पर जान-माल की भारी तबाही हुई है, लेकिन प्रदेश की सरकार नुकसान से निपटने में पूरी तरह विफल रही है।
अग्निहोत्री ने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है और इस पर सदन में चर्चा करवाई जाए। लेकिन स्पीकर राजीव बिंदल ने विपक्ष को इसकी अनुमति नहीं दी और कहा कि यह विषय नियम-62 के तहत बीते सप्ताह भी चर्चा के लिए लगा था और आज भी दो सदस्यों ने बरसात से संबधित एक मुददे पर चर्चा मांगी है तथा विपक्षी सदस्य चर्चा के दौरान अपनी बात रख सकते हैं। स्पीकर द्वारा प्रस्ताव खारिज कर दिए जाने के बाद विपक्ष भड़क गया और नारेबाजी करने लगा।
विपक्ष के वाकआउट की मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने निंदा की और इसे राजनीति से प्रेरित करार दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष इस सदन को हल्के में ले रहा है और सदन का समय बर्बाद कर रहा है। सत्र की अंतिम बैठक में विपक्ष को सौहार्दपूर्ण माहौल में हिस्सा लेना चाहिए था। उन्होंने कहा कि विपक्ष प्रदेश के हितों की बजाय अपने राजनीतिक हित साध रहा है। कहा कि 20 अगस्त को भी बरसात से नुकसान का मामला सदन में चर्चा के लिए लगा था, लेकिन तब विपक्ष ने वाकआउट कर दिया था।
विपक्ष की गैर मौजूदगी में प्रश्नकाल की कार्रवाई चली और भाजपा विधायकों ने अपने-अपने प्रश्न पूछे।