मंडी : बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) चौंतड़ा सुभाष चंद्र को भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते प्रदेश सरकार ने निलंबित कर दिया है। उनके निलंबन के आदेश अतिरिक्त मुख्य सचिव (सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग) निशा सिंह ने जारी किए। गौरतलब है कि कल्याण विभाग में तहसील कल्याण अधिकारी जोगिंद्रनगर रहते हुए उनके कार्यकाल (2012 से 2017) के बीच अंतर्राजातीय विवाह प्रोत्साहन राशि समेत विभिन्न सामाजिक सुरक्षा पेंशनों में लगभग 1 करोड़ 39 लाख का गबन हुआ है।
यह मामला इस साल के शुरू में प्रकाश में आया था, जब एक लाभार्थी को पैसे न मिलने पर उसने इसकी छानबीन शुरू करवाई थी। जांच में पाया गया कि विभिन्न सामाजिक सुरक्षा पेंशनों का 1 करोड़ 39 लाख के लगभग पैसा डकारा गया है। जांच में यह गोलमाल पाए जाने के बाद सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशालय से उन पर मामला दर्ज करने का आदेश हुआ था।
जिला कल्याण अधिकारी ने बीते 9 अगस्त को जोगिंद्रनगर थाना में एफआईआर दर्ज करवाई थी। इस पर उक्त अधिकारी जो दो साल पहले तहसील कल्याण अधिकारी से सीडीपीओ बन गए थे ने कोर्ट से अंतरिम जमानत हासिल कर ली थी। ऐसे में अभी तक पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया है। अब इसी क्रम में सरकार ने उन्हें निलंबित करके उनकी ड्यूटी जिला परियोजना अधिकारी के कार्यालय में लगा दी है।
इस बारे में जब जिला परियोजना अधिकारी बाल विकास विभाग सुरेंद्र टेगटा से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि बाल विकास परियोजना अधिकारी चौंतड़ा सुभाष चंद्र को निलंबित कर दिया गया है। सोमवार को उन्होंने जिला कार्यालय में अपनी उपस्थिति दे दी है। उन्होंने कहा कि उनके निलंबन के आदेश शिमला से आए हैं, जिनकी अनुपालना कर दी गई है।