हमीरपुर: प्रतिस्पर्धात्मक युग में पढ़ाई के साथ साथ बच्चों के लिए खेल के मैदान में जाना भी बहुत आवश्यक हो गया है। सोमवार को सुजानपुर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में खेल प्रतियोगिता का शुभारंभ करने के पश्चात पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल ने उपस्थित प्रतिभागियों अभिभावकों एवं अध्यापकों को संबोधित करते हुए यह शब्द कहे। उन्होंने कहा कि शिक्षित होने का अर्थ सही मायने में व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास होता है। किताबे हमें सही ज्ञान देती हैं तो खेल के मैदान हमें जीवन में अनुशासन, प्रतिस्पर्धा और मिलजुलकर लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रयत्न करने की भावना सिखाते हैं।
खेल के मैदान जहां शारीरिक रूप से चुस्त-दुरुस्त रहने का सही जरिया है तो वहीं मानसिक एकाग्रता एवं लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रतिबद्धता का भी अभ्यास खेल के मैदान में हो जाता है। अतः विद्यार्थी जीवन में बच्चों को पढ़ाई लिखाई में अव्वल होने के साथ-साथ खेलों में भी भाग लेना चाहिए ताकि आगे चल कर जीवन में पेश आने वाली हर प्रतिस्पर्धा एवं मुश्किल को पार कर वह लक्ष्य को आसानी से हासिल कर सकें। खेल प्रतियोगिताओं में प्रतिभागी अच्छा प्रदर्शन करें ऐसी कामना करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल के मैदान में हार जीत से ज्यादा महत्वपूर्ण है होता है कि कौन कैसे खेला है। खेल के मैदान में जो अनुभव प्राप्त होते हैं।
उनको अपनी जीवन शैली में उतार कर बच्चे अपने जीवन को सफलता की ओर ले जाएंगे ऐसा उन्होंने विश्वास व्यक्त किया। पाठशाला के नवनिर्मित भवन में अव्यवस्थाओं एवं कमियों पर चिंता व्यक्त करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी अपनी जिम्मेवारी को व्यक्ति सही ढंग से यदि निभाते हैं तो बहुत सी समस्याएं स्वत् ही सुलझ जाती हैं। इस अवसर पर सुजानपुर की एसडीएम, मंडल अध्यक्ष कैप्टन रंजीत सिंह , महामंत्री अनिल शाम, वीरेंद्र ठाकुर , प्राध्यापक एवं बच्चों सहित उनके अभिभावक एवं अध्यापक उपस्थित रहे।