नाहन : सपनों में उड़ान हो तो मंजिल का रास्ता मिल ही जाता है। बचपन में देखे सपनों को सार्थक कर पाना मुश्किल भी नहीं होता, अगर जोखिम उठाने के अलावा हौंसला बुलंद हो। कालाअंब मार्ग पर स्थित मोगीनंद गांव में 18 साल के इशांत पुंडीर ने 11वीं कक्षा में पढ़ाई छोड़कर अपने सपनों को साकार करने का जोखिम उठा लिया। अहम बात यह भी है कि माता-पिता ने भी बेटे की लग्न व तेज बुद्धि को भांप लिया, लिहाजा उस पर पढ़ाई का दबाव नहीं बनाया। आप यह जानकर हैरान होंगे कि पिछले दो सालों से इशांत घर पर बैठकर रोबोट बना रहा है।
इसकी प्रोग्रामिंग व प्रोटो टाइप का डिजाईन खुद तैयार किया है। कंपनी (Fibunacci) लॉन्च कर दी है। यहां तक की यूएसए से प्री लॉन्च आर्डर भी जुटा लिए हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि इशांत का रोबोट है क्या। दरअसल यह रोबोट आपकी आवाज को पहचान कर आपके आर्डर की पालना करेगा। यह चलने वाला रोबोट नहीं है। टच स्क्रीन से भी आपके आदेश को स्वीकार करेगा। छोटी सी उम्र में इशांत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने बेहतरीन लिंक विकसित किए हैं।
चीन से रोबोट के लिए तकनीक हासिल की जा रही है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत करते हुए इशांत का कहना था कि उसे बचपन से ही रोबोट बनाने का शौक था। इसी जुनून को सार्थक करना चाहता है। इशांत का कहना है कि कंपनी को लॉन्च कर चुका है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल वर्ल्ड में आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस काफी महत्वपूर्ण हो चुकी है।
यह उसका पसंदीदा विषय है। इशांत का कहना है कि चंद सप्ताह में उनका प्रोडक्ट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लॉन्च हो जाएगा। इसके लिए कंपनी की वैबसाइट शुरू हो चुकी है। कुल मिलाकर 18 साल के युवक की सोच काफी मायनों में अहम है। साथ ही माता-पिता की हौंसला अफजाई भी प्रशंसनीय है। पिता मोगीनंद से ही ट्रेडिंग कंपनी का संचालन करते हैं।