शिमला : हिमाचल प्रदेश में वर्षा को लेकर जारी अलर्ट के बीच शनिवार को मानसून की व्यापक वर्षा हुई। कांगड़ा, मंडी, कुल्लु, चंबा और शिमला जिलों में बीते 24 घंटों के दौरान व्यापक वर्षा से जनजीवन प्रभावित हुआ। लगातार हो रही बारिश से भूस्खलन के कारण 323 सड़कें अवरूद्व हो गई हैं। जबकि शुक्रवार को 141 सड़कें बंद थीं। सबसे अधिक 129 सड़कें कांगड़ा जोन में बंद हैं। मंडी जोन में 122 सड़कों पर आवाजाही पूरी तरह ठप्प है। शिमला जोन की 66 और हमीरपुर जोन की 6 सड़कें भूस्खलन से बाधित हैं। कांगड़ा जोन के डल्हौजी में 115 सड़कें भूस्खलन से बंद रहीं। वहीं मंडी जोन के मंडी सर्कल में 112 सड़कें बंद हैं।
लोकनिर्माण विभाग ने अवरूद्व सड़कों को बहाल करने के लिए 244 जेसीबी, 57 टिप्पर और 18 डोजर लगाए हैं। हालांकि आगामी दिनों में भारी बारिश की चेतावनी के कारण बहाली कार्य में बाधा आने की संभावना है। इस मानसून सीजन में भूस्खलन से लोनिवि को अब तक 290 करोड़ की चपत लग चुकी है। मानसूनी बारिश दो दर्जन से अधिक लोगों की जान ले चुकी है। सबसे अधिक 74 करोड़ का नुकसान हमीरपुर जोन में हुआ है।
इसी तरह मंडी जोन में 66 करोड़, कांगड़ा जोन में 59 करोड़ और शिमला जोन में सड़कों को 53 करोड़ की क्षति पहुंची है। जबकि नेशनल हाईवे को 36 करोड़ का नुकसान पहुंचा है। बीते 24 घंटों के दौरान कांगड़ा जिले के गग्गल में सर्वाधिक 118 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। वहीं धर्मशाला में 116, डल्हौजी में 73, पालमपुर में 64, चंबा में 60, कुफरी में 57, बंजार में 51, हमीरपुर में 46, खदराला में 43, कसौली में 41, शिमला में 40, संगड़ाह में 38, जंजैहली में 34, मशोबरा और सलूणी में 32, सोलन में 31 और भोरंज में 28 मिमी बारिश हुई है।
राजधानी शिमला में शनिवार को दिन में रूक-रूक कर वर्षा का दौर चलता रहा। जिला प्रशासन ने 18 अगस्त को भारी वर्षा की संभावना के चलते सर्वसाधारण को सचेत करते हुए सुरक्षा हिदायत जारी की ताकि लोग भूस्खलन क्षेत्रों में जाने से बचें। जिला उपायुक्त अमित कश्यप ने भारी बारिश के कारण नदी-नालों में अचानक जल स्तर बढ़ने से बाढ़ की स्थिति से उत्पन्न खतरों के बचाव के तहत लोगों से नदी व नालों से दूरी बनाएं रखने का अनुरोध किया है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण लोग अपने मवेशियों को भी नदी-नालों से दूर रखें। उन्होंने कहा कि वाहन चालक यात्रा के दौरान सावधानी बरतते हुए अपनी गाड़ियां डंगों पर अथवा पेड़ों के नीचे खड़ी न करें। गाड़ी चलाते समय इंडिकेटर व फाॅग लाईट का इस्तेमाल अवश्य करें, ताकि सड़क दुर्घटनाओं से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि सड़कों में दरारें, भूस्खलन अथवा चट्टान या पेड़ आदि गिरने का अंदेशा हो तो जिला प्रशासन को तुरंत सूचित करें।
मौसम विभाग ने 20 अगस्त तक राज्य में अनेक स्थानों पर बारिश की संभावना जताई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि 18 अगस्त को राज्य के मैदानी तथा मध्य पर्वतीय इलाकों में कुछ स्थानों पर मुसलाधार बारिश का अनुमान है और इसे लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है।