सुंदरनगर : हिमाचल प्रदेश में मानसून अपना रौद्र रूप धारण कर चुका है, जिसकी वजह से अभी तक करोड़ों का नुकसान हो चुका है। वही ताजा घटनाक्रम में भारी बारिश और नेशनल हाईवे के किनारे बंद पड़ी नालियों की वजह से राजकीय प्रारंभिक केंद्रीय पाठशाला जड़ोल का ग्राउंड और कमरे पानी मेंं जलमग्न हो गए। इससे स्कूल में पढ़ने वाले नन्हे छात्रों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। आप को बता दें कि बरसात की छुट्टियों के बाद जब गत तीन अगस्त को स्कूल खुले तो स्कूल के कमरों में बरसात के पानी का कीचड़ भरा हुआ था। इससे छात्रों को काफ़ी समस्या पेश आई थी।
स्कूल नेशनल हाईवे-21 से मात्र 30 फुट की दूरी पर स्तिथ है। तेज रफ्तार वाहनों व दुर्घटनाओं के खतरे के मध्य पिछले दो वर्षों से विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। गौरतलब रहे कि कीरतपुर नेरचौक फोरलेन के निर्माण की जद में आने के बाद स्कूल भवन के एक भाग को उखाड़ा गया था। बाकी बचे हुए भवन में ही कई वर्षों से पढ़ाई जारी है। सड़क निर्माण की जद में आने से मुआवजा मिलने के बाद भी आज दिन तक शिक्षा विभा ने नए भवन का निर्माण कार्य शुरू तक नहीं किया। इससे मजबूरन बच्चों को पुराने भवन में ही शिक्षा ग्रहण करने पड़ रही है।
वही स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि बच्चों के भविष्य की तरफ प्रसाशन, शिक्षा विभाग और स्थानीय पंचायत का कोई ध्यान नहीं है। एक तरफ बात की जाती है कि बच्चों को सरकारी स्कूल में अच्छी शिक्षा के साथ अच्छी सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। लेकिन यहाँ पर आ रही समस्या से जगजाहिर होता है कि सरकार स्कूली छात्रों के बैठने के लिए उचित प्रबंध नहीं कर पाई। जिस कारण बच्चों को पढाई करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि छात्रों को आ रही समस्या का जल्द हल किया जाए ताकि बच्चे ठीक से पढ़ाई का सके।