हमीरपुर : कभी सफ़ाई व्यवस्था में अव्वल रहने वाले नगर में आज कूड़े के ढेरों पर प्रशासन बैठकें कर रहा है । 1 अगस्त से चरमराई सफ़ाई व्यवस्था दो हफ़्ते बाद भी नहीं सुधर पाई है। जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर उस वक़्त दिखने शुरू हो गए। जब आनन-फ़ानन में नगर को डस्टबिन फ़्री घोषित कर क़रीब 58 डस्टबिनों को उठा लिया गया। आपको बता दें कि जिस सफ़ाई व्यवस्था का ठेका पहले 7 लाख रुपए का होता रहा उसे 25 लाख में दे दिया गया। बताया जा रहा है कि पहले सप्ताह तो ठेकेदार के सफ़ाई कर्मचारी घरों से क़ूड़ा उठाने ही नहीं आए ।
इस कारण लोगों को मजबूरन सड़कों पर कूड़े के ढेर लगाने पड़े। इसके बाद प्रशासन तक जब यह बात पहुँची तो सफ़ाई कर्मचारी बिना किसी सूचना दिए गलियों में घूमने लगे। हैरत इस बात की थी कि जब नौकरीपेशा या दुकानदारी करने वाले लोग काम पर चले जाते हैं व क़ूड़ा उठाने वाली गाड़ी वार्डों में पहुँच जाती है। लोगों अनुसार इससे पहले बकायदा साउंड सिस्टम लगी गाड़ी क़ूड़ा उठाने वार्डों में सुबह के वक़्त आती थी। जिससे उन्हें कोई दिक्कत पेश नहीं आई।
अब क़ूड़ा नगर परिषद के वार्ड नंबर 3, 4 एवं 5 का निरीक्षण करने पर पता चला कि घरों से क़ूड़ा एकत्रित कर सफ़ाई कर्मचारी खुले में ढेर लगा रहे हैं। हमीरपुर कोर्ट परिसर के साथ एवं नादौन चौक के साथ लगे कूड़े के ढेर ऐसी ही स्थिति ब्यान कर रहे हैं।
इस बारे में उपायुक्त हरिकेश मीणा ने प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में बताया कि शहर में घर-घर से कूड़ा एकत्र करने की प्रक्रिया में काफी सुधार है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे इधर-उधर कूड़ा फेंकने के बजाय नगर परिषद द्वारा नामित व्यक्ति के माध्यम से ही इसका निष्पादन करें। उन्होंने नगर परिषद अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रति वार्ड कूड़ा उठाने वाले वाहनों की सूची तैयार करें। लोगों को इन गाड़ियों के आने-जाने का समय तथा कूड़ा एकत्रीकरण के बारे में निरंतर सूचित व जागरूक करते रहें।
उन्होंने कहा कि खुले में कूड़ा फैंकने वालों के चालान काटे जाएं। इसके लिए शहर के विभिन्न स्थानों पर स्थापित सीसीटीवी कैमरा की सहायता से साक्ष्य जुटाकर दोषियों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।