नाहन : मामला, उपनिदेशक कार्यालय (निरीक्षण) से जुड़ा है। यहां हाल ही में विकलांग शिक्षक महेश गुप्ता का तबादला हुआ। उपनिदेशक ने शिक्षक को तुगलकी फरमान जारी कर दिया कि वो उनके साथ हरेक इंस्पेक्शन में जाएंगे। अब आप ही तय करें कि एक व्यक्ति जो दो बैसाखियों के सहारे चलता है, वो कैसे रोजाना सफर करेगा।
बेहतर होता कि मानवता के नाते डिप्टी डायरेक्टर (निरीक्षण) के कार्यालय में ही काम लिया जाता। बुधवार को उस समय हद हो गई, जब साहब ने फील्ड से ही अपने स्टाफ को यह आदेश दे डाले कि शिक्षक महेश गुप्ता की हाजिरी कार्यालय में नहीं लगाई जाएगी। शिक्षक की मानें तो हाईकोर्ट ने भी विभाग को टूरिंग न करवाने के निर्देश दिए थे। सेवाओं के दौरान शिक्षक महेश गुप्ता की हादसों की वजह से अपंगता हो गई है। इस समय 65 प्रतिशत विकलांगता का प्रमाणपत्र भी है।
बताया गया कि कुछ सप्ताह के बाद अध्यापक महेश गुप्ता को प्रमोशन मिल जाएगी, लिहाजा इस कार्यालय से तबादला स्वाभाविक है। उधर, एमबीएम न्यूज नेटवर्क द्वारा उपनिदेशक (निरीक्षण) राकेश कुमार से संपर्क साधने का बार-बार प्रयास किया गया, लेकिन उनका फोन बार-बार व्यस्त मिलता रहा। सवाल इस बात पर उठता है कि क्या शिक्षक को लिखित आदेश के तहत हाजिरी लगाने से रोका गया या नहीं या फिर मौखिक तौर पर फोन पर ही फरमान जारी हो रहे थे।
उधर एक अन्य जानकारी के मुताबिक अध्यापक द्वारा एक लिखित तौर पर उच्चशिक्षा विभाग के निदेशक को भी समूचे घटनाक्रम से अवगत करवाया गया है। निरीक्षण कार्यालय में तैनाती से पहले वो कैंट स्कूल में तैनात थे।