सुंदरनगर : गोहर क्षेत्र में देश की नामी टावर लाईन कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मामले में 24 प्रभावित किसानों द्वारा अनिल अंबानी सहित रिलायंस एनर्जी लिमिटेड के 8 बोर्ड ऑफ डायरेक्टर व 7 अन्य सहयोगी कंपनियों के डायरेक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है। एफआईआर सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत गोहर थाना में दर्ज हुई है।
एफआईआर दर्ज करने के आदेश गोहर न्यायालय में एक याचिका की सुनवाई के उपरांत वत्सला चौधरी के आदेश पर दर्ज हुई है। वहीं इस पर पुलिस द्वारा आईपीसी की धारा 120 बी 145, 182, 351,464,420,366,367,368, 452, 283, 271, 341,379,392,506,147,148 व एनवायरनमेंट व इंडियन फारेस्ट एक्ट 1986 की धारा 15,41,42 व भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 4 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
क्या है मामला….
जिला मंडी के गोहर सब डिवीजन के अंतर्गत आने वाले बहुत से गावों में बिजली की ट्रांसमिशन लाईने बिछाई गई। किसानों का आरोप है कि ट्रांसमिशन लाइन बिछाने में भारी अनियमितताएं बरती गई और अनिल अंबानी व अन्य सहयोगी कंपनियों ने प्रभावित किसानों को उनके मकानों, दुकानों, जमीनों और पशुशालाओं का मुआवजा नहीं दिया। वहीं इस सन्दर्भ में डिप्टी कमिश्नर मंडी के पास कोई भी रिकॉर्ड, दस्तावेज मौजूद नहीं है। जमीनों के सर्कल रेट वैल्यू के हिसाब से कोई भी मूल्यांकन इत्यादि नहीं किया गया।
लाइनों को बिछाने में हिमाचल के 4 जिलों के किसान प्रभावित हुए, जिन्हें कोई मुआवजा नहीं दिया गया है। किसानों की शिकायतों पर वर्ष 2017 में मैजिस्ट्रेट इंक्वायरी भी हुई, जिसकी रिपोर्ट राघव शर्मा एसडीएम गोहर द्वारा 2017 में डीसी मंडी के पास जमा करवा गया। सियाज पंचायत के लगभग 24 प्रभावित परिवारों के किसानों ने उक्त कंपनी के द्वारा बरती गई अनियमितताओं व आपराधिक षडयंत्र धोखाधड़ी व फर्जीवाड़े के खिलाफ न्यायालय में 156 (3) के तहत शिकायत दायर की थी।
इसमें जेएमआईसी गोहर वत्सला चौधरी द्वारा अपने आदेश में स्पष्ट किया गया है कि उक्त अनिल अंबानी की कंपनी सहित अन्य कॉन्ट्रैक्टर कंपनियों के द्वारा राजस्व उद्यान वन विभाग व कृषि विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी नियमों व उपनियमों की अवहेलना करने बारे पुलिस एफआईआर दर्ज कर छानबीन करें और उक्त निजी कंपनियों द्वारा किस आधार पर लोगों की जमीन से बिना एसेसमेंट व एसेसमेंट फैनिंग की भी विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जांच करें।
टावर लगानें व लाईन बिछाने में इंडियन इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 व इंडियन टेलीग्राफ एक्ट 1884 व तमाम कानूनो की अवेहलना की गई। पार्वती कोल डैम ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटिड,अनिल अंबानी व अन्य कंपनियो द्वारा उच्च स्तर पर राजनेताओं, अधिकारियो से सांठ-गांठ कर किसानों को ठग कर उनसे धोखा किया गया। गोहर अदालत के फैसले पर अब टावर लाईन कंपनियों पर एफआईआर हुई है। गोहर न्यायलय के आदेश पर धारा 156 (3) के तहत टावर लाईन कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। मामले की छानबीन की जा रही है।