मंडी : हिमाचल सरकार प्रदेश में अब सड़कों के बजाय रोप-वे निर्माण पर अधिक ध्यान दे रही है। यह जानकारी सीएम जयराम ठाकुर के अतिरिक्त प्रधान सचिव संजय कुंडू ने पत्रकार वार्ता के दौरान दी। उन्होंने इससे पहले जिला के अधिकारियों के साथ सीएम के गृहक्षेत्र सराज में जारी विकास कार्यों की समीक्षा भी की। संजय कुंडू ने बताया कि विदेशों में रोप-वे यातायात का बेहतरीन माध्यम साबित हुए हैं। वहां रोजाना लाखों की संख्या में लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।
प्रदेश सरकार भी यहां की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए रोप-वे निर्माण पर ध्यान दे रही है। सीएम जयराम ठाकुर ने हालही में केंद्रीय मंत्रियों से मिलकर रोप-वे निर्माण के लिए अधिक से अधिक धनराशि प्रदेश को देने का आग्रह किया है। उन्होंने बताया कि पहले चरण में शिमला, मनाली और धर्मशाला को पूरी तरह से रोप-वे के साथ जोड़ा जाएगा। इन शहरों के चारों तरफ रोप-वे क्नैक्टिविटी होगी। लोग रोप-वे से ही आ-जा सकेंगे। वाहनों की संख्या कम करने और शहर को ट्रैफिक फ्री बनाने के लिए यह प्रयास किया जाएगा।
वहीं ग्रामीण और जनजातीय इलाकों में भी रोप-वे निर्माण पर ध्यान दिया जाएगा। जहां अधिक पेड़ों का कटान हो और जहां सड़क निर्माण की भौगोलिक परिस्थितियां सही न हों वहां पर रोप-वे निर्माण पर ही ध्यान दिया जाएगा। कुंडू के अनुसार रोप-वे निर्माण पर अधिक खर्चा आता है। पीपीपी मोड़ में इसका निर्माण संभव नहीं, इसलिए राज्य सरकार केंद्र से इसके लिए अतिरिक्त बजट की मांग कर रही है। वहीं केंद्र सरकार ने प्रदेश की इस प्रपोजल पर गौर करना शुरू कर दिया है।
वहीं संजय कुंडू ने सीएम जयराम ठाकुर के गृह विधानसभा क्षेत्र सराज में जारी विकास कार्यों की भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सराज में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, बागवानी, किसानी और पर्यटन के क्षेत्र में अनेकों विकास कार्य किए जा रहे हैं। बीते एक वर्ष में सराज के प्रति पर्यटकों का काफी रूझान बढ़ा है। गत वर्ष सराज के प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन स्थल शिकारी देवी में 1 लाख 80 हजार पर्यटक आए, जबकि इस साल 2 लाख 80 हजार से अधिक पर्यटक शिकारी देवी के दर्शन कर चुके हैं।
उन्होंने बताया कि इलाके के पर्यटन को नया बल मिल रहा है। इससे लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं। इस मौके पर उनके साथ जिला के सभी प्रशासनिक अधिकारी और विभिन्न विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे।