सुंदरनगर
शहरी सहित ग्रामीण क्षेत्रों में सरेआम भांग की फसल लहलहा रही है। आलम यह है कि बीएसएल जलाशय के साथ वाली सड़क के किनारे व नीचे वाले क्षेत्र में भांग के हजारों पौधे मौजूद हैं। यही हाल अन्य वार्डों में पाया जा रहा है। कई बीघा भूमि पर भांग के पौधे उगे हुए हैं। बीबीएमबी प्रबंधन स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाने के लिए तो कई बड़े-बड़े दावे करता है, लेकिन इस प्रकार से बीएसएल जलाशय के साथ कई बीघा भूमि पर भांग की फसल लहलहाने से प्रबंधन की पोल खुल गई है।
वहीं बीएसएल जलाशय के साथ वाले सड़क मार्ग से विभिन्न स्कूलों के बच्चे व सुबह-शाम सैर-सपाटे के लिए लोग आते हैं। लेकिन इस प्रकार से बीबीएमबी प्रबंधन द्वारा आंखें बंद कर बैठने से इनकी कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं। जिला में भांग की खेती को नष्ट करने के लिए प्रशासन सहित पुलिस विभाग, स्थानीय नगर परिषद व पंचायतें सालों से जुटे हुए है। सरकारी अमले की टीम जिला के दूरदराज इलाकों व ऊंची पहाड़ियों तक पहुंचते हैं, लेकिन दूसरी तरफ प्रशासन की नजर अपने ही नाक के नीचे पनप रही भांग पर नहीं पड़ रही।
स्थानीय लोगों राम सिंह, विवेक, उषा, आरती, अमर सिंह ठाकुर, चंदन गुप्ता, कुलदीप सेन,अनील व उमेश भरद्वाज ने कहा कि प्रशासन द्वारा प्रतिवर्ष प्राकृतिक रूप से उगने वाली भांग के पौधों को शुरुआती समय नष्ट नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि जब भांग के पौधे अपना पूर्ण आकार ले लेते तब प्रशासन खानापूर्ति के लिए अभियान चलाकर इसे नष्ट करती है। लेकिन भांग के पौधों से बीज इधर-उधर गिरने से दोबारा इसकी फसल लहलहा जाती है। उन्होंने प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन से जल्द से जल्द भांग के पौधों को नष्ट करने की मांग की है।
मामले को लेकर जब एसडीएम राहुल चौहान से दूरभाष के माध्यम से बात हुई तो उन्होंने कहा की मामला संज्ञान में आया है। विभिन्न क्षेत्रों में उगी भांग को उखाड़ने के आदेश संबंधित विभागों व अधिकारियों को जारी कर दिए गए हैं। जल्द ही सभी क्षेत्रों की भांग मुक्त कर दिया जाएगा।