एमबीएम न्यूज़/नाहन
पांवटा-शिलाई राष्ट्रीय उच्च मार्ग के मेटलिंग कार्य में घटिया सामग्री इस्तेमाल करने पर इस कार्य की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाएगी। दोषी पाए जाने वाले ठेकेदार और संबधित अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। यह जानकारी हिमाचल प्रदेश विधानसभा प्राक्कलन समिति के सभापति रमेश ध्वाला ने जिला में चल रहे विभिन्न विकास कार्यो की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। प्राक्कलन समिति के अन्य सदस्यों में जगत सिंह नेगी, राजेन्द्र राणा, नरेन्द्र ठाकुर और सुरेन्द्र शौरी ने भी बैठक में भाग लिया।
रमेश ध्वाला ने कहा कि शिलाई-पांवटा प्रवास के दौरान लोगों द्वारा समिति के समक्ष पांवटा-शिलाई राष्ट्रीय उच्च मार्ग के मेटलिंग कार्य में घटिया सामग्री इस्तेमाल करने बारे शिकायत की गई। समिति सदस्यों द्वारा इस कार्य का निरीक्षण भी किया गया। उन्होने विभाग को निर्देश दिए कि घटिया कार्य करने पर संबधित ठेकेदार के विरूद्ध कार्रवाई की जाए। उन्होने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि विकास कार्यो में गुणवत्ता एवं पार्दशिता का विशेष ध्यान रखा जाए और सरकारी धन का सही सदुपयोग किया जाए।
प्राक्कलन समिति के सभापति ने लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए कि किसी भी ठेकेदार को अधिक कार्य न दिए जाएं। जिससे जहां कार्य में विलंब होता है वहीं गुणवता पर भी प्रश्न चिन्ह लगता है। इसके अतिरिक्त उन्होंने विभाग को निर्देश दिए कि नई सड़के बनाने से पूर्व संबधित गांव के लोगों के साथ बैठक करके सहमति ली जाए। ताकि सड़क निर्माण में स्थानीय लोग कोई बाधा न उत्पन्न करें। उन्होने कहा कि सड़कों में नालियों का निर्माण किया जाए। ताकि बारिश के कारण सड़कें खराब न हो। उन्होंने विभाग को निर्देश दिए कि सड़कों पर चिन्हित ब्लैकस्पॉट को दुरूस्त किया जाए। ताकि सड़क के कारण बढ़ती दुर्घटनाओं पर अंकुश लग सके।
रमेश ध्वाला ने कहा कि जिला में अब तक कुल 3,882 हैंडपंप स्थापित किए गए थे। जिनमेे से लगभग 15 प्रतिशत हैंडपंप घटते जलस्तर के कारण बंद पड़े हैं। जिन्हें मुरम्मत करने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि टैंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जानी चाहिए और पेयजल एवं सिंचाई योजनाओं के रख-रखाव के बढ़ते व्यय पर निगरानी की जाए। उन्होने कहा कि पेयजल एवं सिंचाई योजना के निर्माण में उच्च गुणवता की सामग्री इस्तेमाल की जाए। ताकि रख-रखाव कर बजट में कमी लाई जा सके।
ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा करते हुए सभापति ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में एम्बुलेंस चलने योग्य सड़के निर्मित की जानी चाहिए। जिससे आम जनता को लाभ मिलेगा। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सीधे तौर पर पंचायतों को उदारता से धनराशि उपलब्ध करवाई जाती है। परन्तु यह चिंता का विषय है कि पंचायतों में करोडों की राशि लंबित पड़ी है। जिन्हें विकास कार्यों पर व्यय किया जाना चाहिए। उन्होने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह फील्ड में जाकर विकास कार्यों का स्वयं निरीक्षण करे। ताकि विकास कार्यो को सही मायनों में धरातल पर उतारा जा सके।
इससे पहले उपायुक्त डॉ. आरके परूथी ने समिति का स्वागत किया और समिति के सदस्यों को शॉल टोपी और स्मृति चिन्ह भेंट करके सम्मानित किया गया। बैठक में पुलिस अधीक्षक अजय शर्मा के अतिरिक्त जिला मेें कार्यरत सभी एसडीएम, एसई लोक निर्माण, महेश सिंघल, एसई आईपीएच जोगिन्द्र चौहान, एसई विद्युत मनोज उप्रेती सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया ।