एमबीएम न्यूज/नाहन
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने लाखों छात्रों को गोल्डन चांस देकर एक सराहनीय कदम उठाया था। बोर्ड के इस फैसले का चौतरफा स्वागत भी हुआ। बोर्ड ने एसओएस के माध्यम से छात्रों को गोल्डन चांस देने का फैसला किया था। लेकिन कमरऊ के रहने वाले अभिषेक को बोर्ड की चूक के कारण अपना मौका गंवाना पड़ा है। दरअसल हुआ यूं कि अभिषेक ने दसवीं की गणित की परीक्षा के लिए आवेदन किया था। बाकी विषयों में वो पास हो चुका है।
बोर्ड ने पांवटा साहिब परीक्षा केंद्र के लिए अभिषेक को एडमिट कार्ड जारी किया। इस कार्ड में परीक्षा को संध्याकालीन सत्र में बताया गया। इसी के तहत अभिषेक समय पर नाहन से पांवटा साहिब पहुंच गया। परीक्षा केंद्र में पहुंचने पर जब अभिषेक को यह पता चला कि परीक्षा प्रातःकालीन सत्र में हो चुकी है तो उसके हाथ-पांव फूल गए। जैसे-तैसे वापस लौटा तो रात तक रोता ही रहा। साधारण परिवार को यह नहीं पता था कि इसकी शिकायत तुरंत ही बोर्ड के चेयरमैन व सचिव को की जानी चाहिए।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क के कार्यालय में अभिषेक को लेकर उसकी बहन पहुंची। उस समय भी अभिषेक की आंखें नम थी। इसमें कोई दो राय नहीं है कि बोर्ड की वैबसाइट पर परीक्षा को प्रातःकालीन सत्र में ही बताया गया था, लेकिन सवाल यह है कि एडमिट कार्ड पर त्रुटि क्यों की गई। अभिषेक का कहना है कि वो ऐसा कोई फोन इस्तेमाल नहीं करता, जिसमें नेट हो। सीधे स्वभाव में एडमिट कार्ड पर दर्शाए गए समय से पहले ही परीक्षा केंद्र में पहुंच गया था। बहन सुमन ने कहा कि सोमवार शाम से ही अभिषेक गुमसुम है। उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि इस मामले को कैसे उठाया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने चिंता जाहिर की कि इस चूक के कारण कहीं अभिषेक डिप्रेशन का शिकार न हो जाए।
उधर इस बारे जब बोर्ड की जनसूचना अधिकारी से बात की गई तो उनका कहना था कि फिलहाल इस तरह का कोई मामला उनके संज्ञान में नहीं है। शिकायत मिलने के बाद ही कोई कार्रवाई की जा सकती है।