श्वेता शर्मा/नाहन
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल के भगीरथी प्रयासों के फलस्वरूप नाहन की वर्षो पुरानी पेयजल समस्या का समाधान संभव हुआ है। इस वर्ष गर्मी के मौसम में भी सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा 54 लाख लीटर पानी प्रतिदिन शहर के लोगों को उपलब्ध करवाया जा रहा है। जबकि गत वर्ष गर्मियों के मौसम मेें भी शहर के नागरिकोे को सामान्य रूप से पेयजल उपलब्ध करवाने में भी विभाग सफल हुआ है। जानकारी देते हुए अधीक्षण अभियंता आईपीएच जोगिन्द्र चौहान ने शनिवार को विशेष बातचीत के दौरान बताया कि उचित मार्गदर्शन और बेहतर प्रबंधन के फलस्वरूप इस वर्ष भी गर्मी के मौसम में शहर में पेयजल आपूर्ति सामान्य रूप से क्रियाशील बनी हुई है।
डॉ. राजीव बिंदल द्वारा शहर की दो पुरानी पेयजल योजना नेहरस्वार और खैरी के जीर्णोद्धार के लिए लगभग 13 करोड़ की राशि उपलब्ध करवाई गई, जिसमें से लगभग सवा आठ करोड़ की राशि 107 वर्ष पुरानी नेहरस्वार पेयजल योजना के पुर्नरूद्धार और पाचं करोड़ की राशि खैरी योजना की आवश्यक मुरम्म्त पर व्यय की गई।
जोगिन्द्र चौहान ने बताया कि शहर की दोनो योजनाओं के जीर्णोद्धार से लगभग 20 लाख लीटर प्रतिदिन पेयजल में बढ़ोतरी हुई है, जबकि इससे पहले इन दोनो योजनाओं से शहर को केवल 22 लाख लीटर पेयजल प्रतिदिन उपलब्ध होता था और अब 42 लाख। राजस्व आंकड़ों के अनुसार शहर की आबादी लगभग 33 हजार है, जबकि शहर के विभिन्न संस्थानों में शिक्षा ग्रहण करने आए बच्चों, सरकारी कर्मचारियों और प्रवासी मजदूरों इत्यादि के कारण शहर में पेयजल आपूर्ति लगभग 80 हजार की आबादी को की जा रही है। शहर में लोगों की सुविधा के लिए 153 सार्वजनिक नल लगाए गए है।
इसके अतिरिक्त चार सौ से अधिक व्यवसायिक पानी कनेक्शन दिए गए हैं जबकि 10800 घरेलु कनेक्शन क्रियाशील है। अधीक्षण अभियंता ने बताया कि नेहरस्वार पेयजल योजना से 11 लाख लीटर पानी प्रतिदिन और खैरी पेयजल योजना से 29 लाख लीटर पानी के अतिरिक्त लगभग अढाई लाख लीटर पानी शहर में स्थापित हैंडपंपों से उपलब्ध हो रहा ह। इसके अतिरिक्त गिरि उठाऊ पेयजल योजना से भी 12 लाख लीटर पानी प्रतिदिन शहर में उपलब्ध हो रहा हैं। वर्तमान में 54 लाख लीटर पेयजल की आपूर्ति प्रतिदिन शहर में विभाग द्वारा की जा रही है। शहर के साथ लगते गांव देवका-पुड़ला को भी नाहन की पेयजल योजना से जोड़ा गया है, जिससे इस पंचायत के अनेक गांव के लोगों को गर्मी के मौसम में पेयजल उपलब्ध होने से राहत मिली है। आगजनी जैसी घटनाओं से निपटने के लिए भी अतिरिक्त पानी संजोए रखा है।
जोगिन्द्र चौहान ने बताया कि शहरमें पेयजल वितरण प्रणाली को दुरूस्त करने के लिए प्रयास किए जा रहे है। वितरण प्रणाली के सुधार के लिए सात करोड़ की राशि व्यय की जाएगी जिसके लिए टेंडर प्रक्रिया प्रगति पर है। जिसके अंतर्गत शहर दशकों पुरानी पाईपों, गेटवाल चैंबर इत्यादि के बदलने के अतिरिक्त 45 हाईड्रेट भी बदले जाएगें। उन्होने सिरमौर जिला की पेयजल स्थिति बारे बताया कि अत्यधिक गर्मी होने के कारण कुछ पेयजल योजनाऐं प्रभावित हुई है। परंतु विभाग द्वारा ऐसे पेयजल समस्याग्रस्त क्षेत्र के लोगों के लिए पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए प्रभावी पग उठाए गए है ताकि हर परिवार को पेयजल उपलब्ध हो सके। पेयजल के समान वितरण की व्यवस्था को भी सुदृढ़ किया जा रहा है ताकि प्रत्येक परिवार को समान मात्रा में पानी उपलब्ध हो सके।
चौहान ने कहा कि जिस प्रकार जल स्तर घटने लगा है और आबादी बढ़ रही है ऐसे में लोगों को पेयजल के इस्तेमाल बारे जागरूक होना होगा। पेयजल के महत्व बारे लोगों में अभी कम जागरूकता है जिस कारण अनेक उपभोक्ताओं द्वारा शुद्ध पेयजल का इस्तेमाल शहरों में किचन गार्डनिंग और ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई इत्यादि के लिए किया जाता है। इसके अतिरिक्त अनेक लोगों द्वारा टूल्लु पंप लगाए जाते हैें जिससे अन्य लोगों को पेयजल समस्या उत्पन्न हो जाती है। लोगों को पेयजल के महत्व बारे जागरूक करने के लिए विशेष अभियान भी आरंभ किया जाएगा।