अनिल छांगू/ज्वाली
अमूमन शहीद के परिवारों को आर्थिक मदद व अन्य सुविधाएं हासिल करने के लिए ठोकरें खानी पड़ती हैं। सरकारी नौकरी हासिल करने के लिए तो सालों का वक्त बीत जाता है, मगर यहां सरकार ने शहीद की विधवा के प्रति सम्मान की एक गजब मिसाल पेश की है। इसमें एसडीएम स्तर के अधिकारी को ही शहीद की विधवा को नौकरी देने के लिए घर पर औपचारिकताएं पूरी करने को भेजा गया।
यहीं नहीं, घर से एसडीएम खुद ही सावित्री देवी को ज्वाइनिंग करवाने के लिए कार्यालय लेकर गए। हालांकि सरकार ने विधवा सावित्री देवी को पहले ही डीसी कार्यालय धर्मशाला में ज्वाइनिंग देने का फैसला ले लिया था। लेकिन परिवार चाहता था कि नौकरी घर के नजदीक ही हो, क्योंकि सावित्री की गोद में शहीद के एक मासूम बेटे की परवरिश की जिम्मेदारी भी है।
पुलवामा में 24 फरवरी को शहीद तिलकराज ने शहादत को चूम लिया था। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने स्थानीय विधायक अर्जुन ठाकुर के माध्यम से परिवार को हरेक आर्थिक सहायता प्रदान करने की बात कही थी। शुक्रवार को ज्वाली के एसडीएम अरुण शर्मा ने हारचकिया उपतहसील पहुंचकर शहीद की पत्नी सावित्री देवी को क्लर्क के पद पर ज्वाइनिंग लेटर दिया। शहीद की विधवा ने मुख्यमंत्री सहित विधायक अर्जुन ठाकुर का आभार प्रकट किया है। विधायक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शहीदों के परिवारों के प्रति गहरा सम्मान प्रदान किया है।
ज्वाइनिंग के दौरान भाजपा जिला महामंत्री राकेश व महिला मोर्चा अध्यक्षा मधुबाला आदि भी मौजूद रहे। 2 मई 1988 को जन्में शहीद तिलकराज सीआरपीएफ में तैनात थे। 2007 में अपने कैरियर की शुरूआत की थी। देश के प्रति अटूट स्नेह रखने के अलावा शहीद तिलकराज एक बेहतरीन लोकगायक भी रहे हैं।