एमबीएम न्यूज़/ नाहन
अशोक चक्र विजेता शहीद मेजर मोहित शर्मा की शहादत को याद करते हुए मंगलवार को स्थानीय डीएवी स्कूल में एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। मेजर मोहित शर्मा मूलतः रोहतक के रहने वाले थे। मगर नाहन शहर में उनके बहादुरी के किस्से आज भी याद किए जाते हैं। नाहन स्थित फर्स्ट पैरा में उन्होंने अपने सेवाकाल के दौरान अलग ही पहचान बनाई। इस जांबाज ने पैरा में आने के बाद कश्मीर में कई बड़े व खतरनाक सैनिक ऑपरेशन्स को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
अपनी शहादत से पहले उन्होंने सेना मैडल के अलावा कई बहादुरी के पदक हासिल किए। 2009 में शहादत देने से पहले उन्होंने अपनी छुट्टियां रद्द कर अपने साथी को घर जाने का मौका दिया। इसी दौरान जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा के घने जंगलों में अपने घायल साथियों को सकुशल निकाल कर मोर्चे पर डटे रहे। चारों तरफ से घिरने के बावजूद चार आतंकवादियों को ठिकाने लगा कर शहादत का जाम पी गए। उन्हीं के जीवन से प्रभावित होकर उसके बाद नाहन शहर के करीब आधा दर्जन युवक आज भारतीय सेना में विभिन्न बटालियनों में मिल्ट्री ऑफिसर के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
कार्यक्रम में अंतर विद्यालय प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया। इस मौके पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में एवीएन स्कूल की इना शर्मा ने पहला, इसी स्कूल की अमोदिता दूसरे व बॉयज स्कूल के सुशांत चौहान ने तीसरा स्थान हांसिल किया। चित्रकला प्रतियोगिता में आर्मी स्कूल की वैष्णवी प्रथम, साक्षी कारमल स्कूल दूसरे व डीएवी के हितेश तीसरे स्थान पर रहे। सामूहिक ज्ञान प्रतियोगिता में एवीएन स्कूल पहले, डीएवी दूसरे व जेएनवी नाहन तीसरे स्थान पर रहे।
इस मौके पर शहीद मेजर मोहित शर्मा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए डीएवी स्कूल के प्रिंसिपल नरेश कटोच ने बताया की शहीद मेजर अदम्य साहस से भरे सैनिक अधिकारी थे। 2003 में वह नाहन की फर्स्ट पैरा में अधिकारी के तौर पर तैनात हुए थे। पैरा कमांडो के तौर पर जम्मू-कश्मीर में तैनाती के दौरान एक सैनिक ऑपरेशन में उन्होंने 4 आंतकवादियों को मौत के घाट उतार कर खुद भी शहादत का जाम पी लिया।
शहीद के पिता राजिंदर शर्मा, माता सुशीला शर्मा व भाई मधुर शर्मा दिल्ली के अलावा उनकी कर्म भूमि रही नाहन में उनकी याद में कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। इस मौके पर तीनो के अलावा रिटायर्ड कर्नल आईपीएस सोलंकी, मुस्कान, विनीता पाल, सुरेश भारद्वाज, सपना कटोच सहित शहर के विभिन्न स्कूलों के अध्यापक उपस्थित थे।