शैलेंद्र कालरा/नाहन
शिमला संसदीय क्षेत्र अनुसूचित जाति के प्रत्याशी के लिए आरक्षित है। सीट पर भाजपा प्रत्याशी सुरेश कश्यप के गृह निर्वाचन क्षेत्र में ही नया बवाल खड़ा हुआ है। जिला परिषद की सदस्य व भाजपा नेत्री दयाल प्यारी को ही मुख्यमंत्री की जनसभा में सरेआम अपमानित होना पड़ा। खास बात यह भी है कि विधायक सुरेश कश्यप के चुनाव जीतने की सूरत में पच्छाद हलके में विधानसभा का उप चुनाव तय हो जाएगा। इसी संभावना के चलते दयाल प्यारी को बीजेपी के टिकट का फ्रंट रनर भी माना जा रहा है। यह अलग बात है कि विधायक व भंडारी संयुक्त तौर पर किसी अन्य प्रत्याशी की पसंद जाहिर कर सकते हैं।
अहम बात यह है कि दलित नेत्री दयाल प्यारी को अपमानित करने का आरोप भी पार्टी के शीर्ष नेता व कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष बलदेव भंडारी पर ही लगा है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की रैली से पहले बीजेपी के लिए डैमेज कंट्रोल करना इस कारण मुश्किल हो रहा है, क्योंकि पच्छाद के दलित शोषण मुक्ति मंच ने इस बाबत राज्यपाल, महिला आयोग व पुलिस महानिदेशक को लिखित शिकायत भेजी है। इस शिकायत में कहा गया है कि 4 मई 2019 को सराहां में चुनाव प्रचार की जनसभा आयोजित की गई थी। इसमें तमाम नेतागण मौजूद थे। इसमें दलित नेत्री दयाल प्यारी भी मंच पर आसीन थी। कुर्सी खाली होने पर उन्होंने सीएम से मंत्रणा की।
खेद प्रकट करते हुए मंच का कहना था कि बीजेपी बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देती है। लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष बलदेव भंडारी सरेआम मंच पर ही दयाल प्यारी को धक्का देकर साइड कर खुद सीएम के साथ खडे़ हो गए। मंच ने साफ कहा कि इस घटना से दलित समाज की नेत्री के मान-सम्मान को ठेस पहुंची है। पच्छाद दलित शोषण मुक्ति मंच ने दुर्व्यवहार की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए जल्द से जल्द भंडारी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है। कुल मिलाकर अब देखना यह है कि इस घटनाक्रम से संभावित डैमेज को बीजेपी कंट्रोल करने का क्या उपाय समय रहते ढूंढती है।
उधर कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष बलदेव भंडारी का कहना था कि कांग्रेस इस घटना में सियासी फायदा तलाश रही है। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्त्ता कांग्रेस का कार्यकर्ता है, जिसने पहले भी उनके परिवार के खिलाफ झूठी शिकायत की थी। भंडारी ने कहा कि भाजपा नेत्री के साथ कोई अपवाद नहीं था। बल्कि कार्यक्रम समाप्त होने के बाद वो साथ ही रैस्ट हाऊस भी गई, जहां सबने एक साथ मिलकर लंच भी किया। भंडारी ने कहा कि मंच पर प्रोटोकॉल का उल्लंघन हो रहा था। उत्तराखंड से एक विधायक को भी कुर्सी नहीं मिली, जबकि उनकी कुर्सी पर रिजर्व होने की चिट भी चस्पा की गई थी।