वी कुमार/मंडी
40 साल तक प्रदेश के कोने-कोने को अपने कदमों से नापते हुए लाखों छायाचित्रों का संग्रह कर एक छत के नीचे हिमाचल दर्शन करवाने वाले मशहूर छायाकार बीरबल शर्मा ने अपने छायाचित्रों के संग्रह को उजडऩे के बाद एक बार फिर संजोने लगे हैं। 24 अप्रैल 1997 को मंडी के पास कुल्लू मार्ग पर हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी की स्थापना की, जो पर्यटन व सांस्कृतिक संरक्षण के लिए एक अभूतपूर्व प्रयास रहा। जिसे देश विदेश से लाखों दर्शक यहां आकर एक ही छत्त के नीचे पूरे हिमाचल को छायाचित्रों के माध्यम से देखते रहे।
इस फोटो गैलरी के साथ म्यूज़ियम, पुस्तकालय, गोष्ठी हाल तथा हटली के बरसेले स्थापित करके इसे एक तरह संपूर्ण कर दिया था। ताकि कालांतर तक इसे लोग देख सकें। मगर फेारलेन परियोजना ने उनके इस आशियाने को उजाड़ कर रख दिया। जिसे 10 अगस्त 2018 को उसे बंद करना पड़ा। मगर इसके बावजूद भी दर्शक वहां रूक कर उसके बारे में सवाल कर रहे हैं, तो उन्होंने फिर से पुनर्निर्माण का बीड़ा उठाया। बीरबल शर्मा का कहना है कि इतना कष्ट तो उन्हें 40 साल में प्रदेश के कोने-कोने में जाकर छायाचित्र जुटाने में भी नहीं हुआ जितना अब इस उम्र में उन्हें इसे फिर से संभाल कर स्थापित करने में हो रहा है। आने वाले कुछ दिनों में फिर से मंडी में दर्शकों को हिमाचल दर्शन उपलब्ध हो जाने की उम्मीद बन गई है।
बीरबल शर्मा ने बताया कि फोटो गैलरी में पुनर्स्थापन कार्य को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया के दौरान विदेशी पर्यटकों का एक दल यहां आ पहुंचा। उन्होंने ऐसी ही अस्त-व्यस्त व पुर्निर्माण की स्थिति में सैंकड़ों चित्रों व म्यूज़ियम को देखा। इन लोगों ने काफी समय यहां पर गाइड विपिन कुमार की अगुवाई में बिताया। इन दर्शकों को बीरबल शर्मा ने भरोसा दिया कि कुछ ही दिनों में फिर से पूरी जानकारी के साथ-साथ इसे स्थापित करके खोल दिया जाएगा।