एमबीएम न्यूज़/ शिमला
सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा आयोजित 3 दिवसीय शोध को बढ़ावा देने हेतु आयोजित सेमिनार का मुख्य अतिथि प्रोफ़ेसर नागेश ठाकुर और मुख्य वक्ता प्रोफेसर राजेश गिल (पंजाब विश्वविद्यालय ) द्वारा दीप प्रज्वलित करके शुभारम्भ किया गया। इस मौके पर केंद्रीय विश्वविद्यालय व प्रदेश विश्वविद्यालय के 80 शोध छात्र व अन्य छात्र उपस्थित रहे। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रोफेसर नागेश ठाकुर ने बताया कि कोई भी रिसर्च देश को दिशा देने के लिए एक महत्वपूर्ण अंग होता है।
समाज मे कई प्रकार के विषय है, जिनकी तरफ ध्यान दिया जाए तो निश्चित ही शोध को दिशा देने का काम करता है। मुख्य वक्ता प्रो. राजेश गिल ने शोध छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि रिसर्च समाज को बदलाव की ओर आगे बढाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
उन्होंने कहा कि आज शोध का स्तर गिरता जा रहा है। आज जरूरत है, हम सभी शोधार्थी चुनौती के स्तर को बढ़ावा देकर समाज में बदलाव की ओर एक अग्रणी भूमिका अदा करने का प्रयास करें। प्रो. गिल ने कहा कि शोध सामाजिक समस्याओं को उजागर करने वाला चाहिए।
साथ ही नीति निर्माता उन समस्याओं के समाधान करने के तरीके भी पेश कर सकते है। सेमिनार के दूसरे सत्र में लिंग आधारित रिसर्च व तीसरे सत्र में सैम्पल और नॉन सैम्पलिंग तकनीक व साहित्य की समीक्षा के ऊपर परिचर्चा की गई।