नितेश सैनी/सुंदरनगर
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के जमा दो आर्ट्स के परीक्षा परिणाम में टॉप-10 में सुंदरनगर की दुर्गम पंचायत जरल के सीसे स्कूल का मान बढ़ाया है। उषा ने 500 में से 474 अंक के साथ 94.5 प्रतिशत से प्रदेश भर में छठा स्थान हासिल किया है। उषा के पिता सुरेंद्र कुमार (वार्ड सदस्य) और माता भूमा देवी गृहणी हैं। किसान परिवार से संबंध रखने वाली उषा के इस प्रदर्शन से उपमंडल सहित जिला मंडी का मान बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि कला संकाय में इतनी बड़ी उपलब्धि स्कूल के लिए गर्व की बात है। उषा ने अपनी उपलब्धि साँझा करते हुए कहा कि उनकी क़ामयाबी के पीछे उनके माता-पिता और अध्यापको का अहम योगदान रहा है। मेरे माता-पिता खेती बाड़ी करते है। उन्होंने भरी धूप में काम कर उन्हें पढ़ाया है। उषा ने कहा कि यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां पर स्कूल जाने के लिए न ही बस सुविधा है, न ही अन्य कोई और सुविधा। हर रोज स्कूल पहुँचने के लिए दो घंटे का पैदल रास्ता तय करना पड़ता है। आज इस मुकाम को हासिल कर उन्हें बहुत ख़ुशी है।
स्कूल के प्रधानाचार्य चतर सिंह ने कहा कि उषा ने स्कूल का नाम पूरे प्रदेश में रोशन किया है। उसके माता-पिता इतने पढ़े-लिखे नहीं है। मगर उनकी बेटी ने साबित कर दिया कि वह बेटी होकर कुछ भी कर सकती है। बेटी की इस उपलब्धि पर पिता सुरेंद्र कुमार ने कहा कि उनकी बेटी ने उनकी अधूरी पढ़ाई को भी पूरा कर दिया। वहीं बेटी के प्रर्दशन पर माता भूमा देवी की तो खुशी का ठिकाना ही नहीं है। उषा ने कहा कि वह उच्च शिक्षा हासिल कर अध्यापिका बनना चाहती है।