एमबीएम न्यूज़ /शिमला
सोलन के पूर्व भाजपा विधायक और शांता कुमार सरकार में परिवहन मंत्री रहे महेंद्र नाथ सोफत आज मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और भाजपा के राष्ट्रीय सचिव एवं प्रदेश के चुनाव प्रभारी तीर्थ सिंह रावत की उपस्थित में भाजपा में शामिल हो गए। सोफत की डेढ़ दशक से भी अधिक समय बाद भाजपा में घर वापसी हुई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पार्टी में उनका स्वागत करते हुए कहा कि सोफत की घर वापसी से सोलन जिले और शिमला संसदीय क्षेत्र में भाजपा को और मजबूती मिलेगी।
जयराम ठाकुर ने कहा कि महेंद्र नाथ सोफत पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता रहे हैं। कुछ परिस्थितयों के कारण वे पार्टी के लिए काम नहीं कर सके। भाजपा अपने उन कार्यकर्ताओं को पार्टी में फिर शामिल करने पर काफी समय से विचार कर कर रही थी। उसी कड़ी में सोफत की घर वापसी हुई है। उन्होंने सोफत के साथ बड़ी संख्या में भाजपा में शामिल हुए उनके समर्थकों का भी स्वागत किया। इस अवसर पर पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, मंत्री गोविंद ठाकुर भी उपस्थित थे।
सोफत ने इस मौके पर कहा कि वे भाजपा की विचारधारा से लंबे समय से जुड़े रहे हैं। उन्हें अपनी घर वापसी पर खुशी है। अब वे पूर्व की तरह पार्टी के लिए समर्पण से कार्य करेंगे। उन्होने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के अलावा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का धन्यवाद किया।
उनके साथ दो बार भाजपा के जिला अध्यक्ष धर्मचंद गुलेरिया,चैल पंचायत के पूर्व प्रधान देवेंद्र वर्मा, नवीन शर्मा, नंद किशोर, रामचंद्र ठाकुर ,ख्यालीराम, हीरा सिंह ,राम सिंह ,उषा ठाकुर, उर्मिल ठाकुर, एसएस ठाकुर, नरेंद्र शर्मा ,भूपेंद्र कुमार ,नरेंद्र कुमार ,अरविंद सिंह, विजय सूद ,गौरी दत्त ,अजय कुमार, हरी गुप्ता, जगदीश चंद्र ,रिती और दीपक गुलेरिया ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
महेंद्र नाथ सोफत अपने युवाकाल में एबीवीपी व आरएसएस से जुडे रहे हैं। सोफत पूर्व सीएम शांता कुमार के कट्टर समर्थक माने जाते रहे हैं। शांता कुमार के नेतृत्व में दूसरी बार बनी सरकार में वह परिवहन मंत्री थे। सोफत साल 1998 का विस चुनाव मात्र 26 मतों के अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी मेजर कृष्णा से हार गए थे। उन्होंने अपनी हार को अदालत में चुनौती दी थी और साल 200 में अदालत ने चुनाव को रदद कर फिर से चुनाव के आदेश दिए।
दिलचस्प बात यह है कि भाजपा प्रत्याशी के चयन को लेकर शांता व धूमल में खींचतान शुरू हो गई और तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने नगर परिषद सोलन के तत्कालीन अध्यक्ष रहे डाॅक्टर राजीव बिंदल को टिकट दे दिया। सोलन उपचनुाव में टिकट कटने के बाद से ही महेंद्र नाथ सोफत राजनीतिक हाशिए पर चले गए थे। साल 2003 के विस चुनाव में उन्होंने मित्र मंडली गठित की थी। लेकिन कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद वह हिलोपा, आम आदमी पार्टी और डैमोक्रेटिक फ्रंट में भी गए, मगर खुद को राजनीति में स्थापित नहीं कर पाए। जयराम ठाकुर के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही उनकी भाजपा में घर वापसी की संभावना जताई जा रही थी। मुख्यमंत्री अपने कई कार्यक्रमों में सोफत को मंच पर बिठाते रहे हैं। अब लंबे अरसे बाद उनकी घर वापसी से भाजपा को शिमला संसदीय क्षेत्र में लोकसभा चुनाव में मजबूती मिलने की उम्मीद है।