सुभाष कुमार गौतम/घुमारवीं
कृषि प्रधान भारत देश का सरकारी नौकरी के पीछे भागता अधिकांश युवा खेती से दूर होता जा रहा है और खेती को अक्सर घाटे का सौदा बताया जाता रहा है। लेकिन आधुनिक तकनीकों का लाभ उठाकर किसान खेती में एक से बढ़कर एक चमत्कार कर रहे हैं, जो शायद कोई सोच भी नहीं सकता। ऐसा ही चमत्कार बिलासपुर जिला के औहर पंचायत के पाल्थी गांव के एक किसान ने आधुनिक तकनीकों के प्रयोग से कर दिखाया है। इस परिवार ने समय के थपेड़ों, बेरोजगारी व गरीबी से ऊपर उठने के लिए आय बढ़ाने का एक एसा तरीका निकाला कि वैज्ञानिक भी दंग रह गए हैं।
किसान जगतपाल व उसके बेटों ने इंटरनेट के माध्यम से केसर उगाने की सोची। अमेरिका से आनलाईन अमेरिका से केसर का बीज एजेंट के माध्यम से मंगवाया और इसकी खेती की। अब इस केसर की खेती की हैरानी की बात है कि यह केसर जम्मू-कश्मीर या किन्नौर जैसे ठंडे इलाके में नहीं बल्कि 40 डिग्री तक तापमान वाले बिलासपुर गर्म इलाके में लहरा रहा है। यह बात वैज्ञानिकों के लिए भी पहेली बनी हुई है कि इतने गर्म इलाके में केसर कैसे भरपूर फसल दे रहा है। किसान जगत पाल ने बताया कि 6 महीनें पहले उन्होंने अमेरिका से एजेंट के जरिए केसर मंगवाया था, जिसकी खेती की गई थी।
इसके साथ ही उन्होंने राजस्थानी व जम्मू का केसर भी बीजा था, लेकिन जम्मू-कश्मीर के केसर की फसल अच्छी नहीं चल पाई, क्योंकि पौधे फंगस रोग का शिकार हो गए हैं पर अमेरिकन केसर भरपूर फसल दे रहा है। उन्होंने बताया कि यह केसर 3 लाख रूपए प्रति किलो के हिसाब से मार्किट में बिकता है और इसकी खरीद भी वही लोग करते है जिनसे यह लिया गया है। जगतपाल ने बताया कि इस केसर की गुणवता को जांचने के लिए वैज्ञानिकों का एक विशेष दल आएगा जो इसकी गुणवता को जांचेगें कि इसका प्रयोग कहां-कहां होगा।
इस कारामात को देखकर बिलासपुर जिला में किसानों व बागवानों के चेहर पर खुशी की लहर है क्योंकि अगर इस तरह की खेती वैज्ञानिकों के परीक्षण में खरी उतरती है तो बिलासपुर जैसे गर्म जिला में किसानों की आय में जहां एक और बढौतरी होगी वहीं कम जमीन वाले किसान भी इसकी खेती कर सकेंगे और गरीब किसानों सपने भी साकार हो पाएंगे।