अनिल छांगू/ज्वाली
मिनी हरिद्वार ज्वाली में जिला स्तरीय बैसाखी मेला धूमधाम से मनाया गया। क्षेत्र में बैसाख सक्रांति पर्व का विशेष महत्व है। पांडवों द्वारा अज्ञातवास के दौरान देहर खड्ड किनारे निर्मित मिनी हरिद्वार में लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई। सुबह 4 बजे ही दूर-दराज से लोग वाहनों, कारों, स्कूटर, मोटरसाइकिल, बसों व पैदल पहुंचने शुरू हो गए। बसों में भी काफी ज्यादा भीड़ दिखी। तकरीबन 10 हजार लोगों ने स्नान कर पुण्य कमाया। पुलिसकर्मी भी सुबह 4 बजे से मुस्तैद हो गए।
महिलाओं के स्नान हेतु टेंटनुमा स्नानागार बनाए गए थे। इसके अलावा किसी भी व्यक्ति को पुल पर खड़ा नहीं होने दिया गया। वाहनों की आवाजाही प्रभावित न हो, इसके लिए सड़क किनारे किसी भी वाहन को खड़ा नहीं होने दिया गया। वाहनों को खड़ा करने के लिए देहर पुल के दोनों तरफ पार्किंग स्थल बनाए गए थे। पीने के पानी की भी पूरी व्यवस्था की गई थी। बच्चों ने झूले झूलने का आनंद उठाया तो महिलाओं ने भी जमकर खरीददारी की।
बताया जाता है कि प्राचीन काल में देहर खड्ड किनारे पांडवों ने अज्ञातवास के समय मिनी हरिद्वार का निर्माण किया था। जिसको लेकर लोगों में इस स्थल की काफी महता है। जो पुण्य हरिद्वार में जाकर गंगा में स्नान करने से मिलता है। उतना ही पुण्य मिनी यहाँ भी मिलता है। ज्यादातर लोग यहां पर अपने किसी रिश्तेदार की मृत्यु हो जाने के उपरांत अस्थियों का विसर्जन करने के लिए भी आते हैं।