एमबीएम न्यूज़/शिमला
पावर मंत्री अनिल शर्मा के इस्तीफे के बाद अंदर खाते मंत्री बनने को लेकर लॉबिंग शुरू हो जाएगी, लेकिन इस समय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के सामने एक फार्मूला भी मौजूद है। इसके तहत अपने निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी को सर्वाधिक लीड दिलाने वाले विधायक को कुर्सी देने का वादा किया जा सकता है। इतना तो तय है कि कोई वरिष्ठ नेता ही मंत्री बनेगा।
रोचक बात यह भी है कि अगर कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी किशन कपूर जीत जाते हैं तो उस स्थिति में जयराम सरकार को दो मंत्रियों की जरूरत पड़ेगी। जानकार बताते हैं कि अनिल शर्मा के इस्तीफे के बाद अब जल्द ही खींचातान बढ़ सकती है। शिमला संसदीय क्षेत्र से दो वरिष्ठ नेता इस दौड़ में शामिल होंगे तो कांगड़ा से भी दावेदारी आ सकती है। बिलासपुर व हमीरपुर से भी दावेदारी को ख़ारिज नहीं किया जा सकता है।
राजनीतिक पंडितों के मुताबिक चुनाव के दौरान मंत्री पद खाली ही रखा जा सकता है, क्योंकि एक को पद मिलना है तो कई नाराज हो सकते हैं। इसका असर चुनाव पर भी पड़ेगा। जयराम सरकार को बने हुए करीब-करीब डेढ़ साल होने को आया है। अंदर खाते की खबरों के मुताबिक भाजपा विधायक अपने-अपने क्षेत्रों से पार्टी को बढ़त दिलवाने की कोशिश में लगे हुए हैं, ताकि परफॉर्मेंस के आधार पर मंत्री बनने की संभावना बढ़ जाए।
मंडी से खुद मुख्यमंत्री हैं, साथ ही वरिष्ठ मंत्री के तौर पर महेंद्र सिंह ठाकुर भी सरकार का हिस्सा है। लिहाजा उम्मीद जाहिर की जा रही है कि किसी अन्य जिले के हिस्से मंत्रिमंडल आ सकता है। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से भी एक विधायक का नाम सामने आ सकता है।