एमबीएम न्यूज़/नाहन
कई मर्तबा जो दिख रहा होता है वह हकीकत में नहीं होता। यही बात शहर में पुलिसकर्मियों की एक स्कूटी पर ट्रिपल राइडिंग के मामले में सच साबित हुई है। दरअसल पिछले कुछ दिनों से एक तस्वीर वायरल हो रही है। इसमें एक स्कूटी पर दो पुलिसकर्मी यूनिफॉर्म में है, जबकि एक शख्स बीच में बैठा हुआ है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क को लगातार यह तस्वीर भेजी जा रही है।
लिहाजा इसकी तस्दीक की गई, तब खुलासा हुआ कि शहर के एक एटीएम पर कुछ युवक संदिग्ध अवस्था में थे। एक को पुलिस ने दबोच लिया और दो भागने में सफल हो गए। लिहाजा पुलिसकर्मियों को दबोचे गए शख्स को तुरंत ही गुन्नुघाट चौकी पहुंचाना था। इसके लिए वाहन उपलब्ध नहीं था। लिहाजा स्कूटी का इस्तेमाल करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। सवाल उठता है कि एटीएम से सीधे-साधे लोगों से धोखाधड़ी करने वाले शातिर को इस हालात में चौकी तक पहुंचाना सही था या ट्रैफिक नियम।
इसमें कोई दोराय नहीं है कि ट्रैफिक नियम के उल्लंघन पर केवल चालान ही होता, लेकिन एक शातिर को चौकी तक पहुंचाना कहीं ज्यादा अहमियत रखता है। वायरल तस्वीर में बीच में बैठे शख्स को भी पुलिसकर्मी बताया गया। हकीकत में ऐसा नहीं है। यह तस्वीर जबरदस्त तरीके से वायरल हुई। लेकिन शायद ही अब इसकी सच्चाई जानकर प्रतिक्रियाएं आएं। इस मामले से एक बात फिर साफ हुई है कि सोशल मीडिया में शेयरिंग से पहले यह समझ लेना बेहद जरूरी है कि इसमें सच्चाई है या नहीं। तस्वीर क्लिक करने वाला कोई जिम्मेदारी ले रहा है या नहीं।