नितेश सैनी/ सुंदरनगर
सुंदरनगर का राज्यस्तरीय देवता मेला अभी शुरू भी नहीं हुआ था, कि अराध्य बड़ा देव कमरूनाग के जेष्ठ पुत्र देव श्री बाला टिक्का पुरोहित व मेला कमेटी से नाराज होकर शुकदेव वाटिका से बिना पूजन ही चले गए जानकारी के अनुसार देवता मेला के शुभारंभ पर समस्त देवी-देवता शुकदेव वाटिका में विराजमान थे। देवता मेला की शुरुआत प्राचीन काल से चली आ रही परंपरा के अनुसार होता है।
इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए मुख्यातिथि एसएसपी गुरदेव चंद शर्मा द्वारा देवताओं का पूजन शुरू किया गया। परंपरा के अनुसार देवता मेला में सर्वप्रथम बड़ा देव कमरूनाग का पूजन किया जाता है।इसके उपरांत मूल मांहूनाग बखारी और तीसरे स्थान पर देव श्री बाला टिक्का का पूजन होता है। लेकिन इस बार इस परंपरागत पूजन को दरकिनार करते हुए मेला कमेटी के पुरोहित राजेश शर्मा ने तीसरे स्थान पर किसी अन्य देवता का पूजन करवा दिया।
इस दुर्व्यवहार से रूष्ट होकर देव श्री बाला टिक्का शुकदेव वाटिका से देवलुओं सहित बिना पूजन के मेला ग्रांउड चले गए। मेला ग्रांउड पहुंचने पर देव श्री बाला टिक्का के देवलुओं में पुरोहित राजेश शर्मा के इस व्यवहार को लेकर खासा गुस्सा देखा गया। वहीं मौके की नजाकत को देखते हुए पुरोहित ने देव बाला टिक्का के गुर व देवलुओं को समझाने की कोशिश की गई। लेकिन देवता के गुर व देवलु इस व्यवहार को लेकर कुछ सुनने को तैयार नहीं थे।
इस कारण मेला ग्राउंड में देवता के विश्राम स्थान पर तनाव का माहौल बन गया। वहीं देव बाला टिक्का कमेटी के प्रधान रोप चंद ने कहा कि सुबह दो घंटे से देवता व देवलु शुकदेव वाटिका में देवता मेला के लिए बैठे हुए थे। उन्होंने कहा कि देवताओं के साथ इस प्रकार का व्यवहार अशोभनीय है। देव श्री बाला टिक्का के गुरु चमन लाल ने कहा की प्राचीनकाल से चली आ रही परंपराओं को इस प्रकार से तोड़ना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मामले को लेकर मेला कमेटी से बात की जाएगी। देवी-देवताओं से इस प्रकार का व्यवहार करना अच्छी बात नहीं है।