एमबीएम न्यूज/नाहन
संगड़ाह उपमंडल की तीन पंचायतों भाटल भजौण, सेर तंदुला व गवाही के केंद्र बिंदू पिडियाधार में श्री खलोग देवता के मंदिर का निर्माण पूरा कर लिया गया है। 11 अप्रैल को प्राचीन मूर्तियां विधि-विधान के साथ मंदिर में स्थापित की जाएंगी। किवदंती है कि पांडुओ ने भगवान शिव की प्राचीन मूर्तियों का निर्माण किया था। 12 अप्रैल को क्षेत्र के निहोग मंदिर में भी देवता की जातर आएगी। साथ ही इसी दिन विशाल भंडारे का आयोजन रखा गया है। मंदिर का निर्माण कार्य 2018 में शुरू हुआ था। इसके निर्माण में महात्मा विष्णु गिरी ने अहम योगदान दिया है। उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए अपनी निधि से साढे़ 6 लाख रुपए की राशि भी मुहैया करवाई।
क्या है प्राचीन मूर्तियों की महत्वतता….
ऐसी धारणा है कि पत्थर की करीब 3 से 4 फुट ऊंची मूर्तियों का निर्माण पांडुओं के समय में किया गया है। श्री खलोग देवता को बेहद शक्तिशाली माना जाता है, जिनके दर्शनों के लिए हरियाणा, पंजाब, दिल्ली व चंडीगढ़ से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं। मंदिर कमेटी के सचिव पृथ्वी सिंह पुंडीर का कहना है कि प्रतिमाएं साक्षात भगवान शिव के दर्शन का अहसास करवाती हैं। उनका कहना है कि निहोग के मंदिर में देवता की प्राचीन अष्टधातु से निर्मित मूर्तियां मौजूद हैं।
पुंडीर ने कहा कि मंदिर के निर्माण पर लोगों के अंशदान से लगभग 50 लाख रुपए की राशि खर्च हुई है। उन्होंने कहा कि प्राचीन मूर्तियों की स्थापना के दौरान शाम को भजन-कीर्तन का भी आयोजन होगा। मंदिर का निर्माण लकड़ी व प्राचीन शैली के आधार पर किया गया है।