एमबीएम न्यूज़/कुल्लू
निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर अभिभावकों के स्वर मुखर हो रहे हैं। ऐसे बहुत मुद्दे हैं जिनको लेकर छात्रों और अभिभावकों में स्कूलों के प्रति असंतोष की भावना लगातार बनी हुई है। भारी-भरकम फीस, अनेक तरह के फंड, वर्दी और किताबों में कमीशन अनेक ऐसे पहलू हैं, जिनपर अभिभावक खुलकर बोलने में गुरेज करते रहे हैं। क्योंकि उनके बच्चे इन स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। माननीय उच्च न्यायालय निजी संस्थानों में फीस व फंडों के नाम पर लूट को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने के आदेश जारी कर चुका है। संचालित किए जा रहे अनेक निजी स्कूलों को अब निर्धारित मापदण्डों को पूरा किए बगैर इनका संचालन जारी रखना नामुमकिन होगा, क्योंकि अनेक जगहों से शिकायतें आने पर जिला दण्डाधिकारी यूनुस ने इस दिशा में कड़ा रवैया अख्तियार कर लिया है।
कुछ दिन पहले ही उन्होंने शहर के एक नामी निजी स्कूल में अनियमितताएं पाए जाने पर स्कूल को बंद करने तक के आदेश दे डाले थे, लेकिन अब इस स्कूल को मानदण्डों को पूरा करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। मंगलवार को डीसी यूनुस ने एलएमएस निजी स्कूल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर कुछ खामियां पाई। इस संबंध में स्कूल को नोटिस जारी किया गया। उन्होंने 9वीं और 10वीं की कक्षाएं इसी परिसर में जारी रखने को गंभीरतापूर्वक लेते हुए इन कक्षाओं को शीघ्र कलैहली स्थित स्कूल परिसर में स्थानांतरित करने को कहा ताकि बच्चे सीबीएससी पाठ्यक्रम पढ़ सके। जबकि कुल्लू परिसर में हिमाचल बोर्ड का पाठ्यक्रम स्कूल द्वारा अनाधिकृत तौर पर पढ़ाया जा रहा है।
कक्षाओं को जल्द कलैहली परिसर में स्थानांतरित न करने पर जिला दण्डाधिकारी ने स्कूल प्रबंधन को इन कक्षाओं को बंद करने के आदेश जारी करने की बात कही। इससे पूर्व डीएवी स्कूल मोहल का भी निरीक्षण किया। हालांकि स्कूल में कोई विशेष कमियां नहीं पाई गई। छुट-पुट मामलों में स्कूल प्रबंधन को आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं। स्कूल स्टाॅफ को कम वेजिज देने को गंभीरता से लिया जाएगा। यूनुस ने सभी निजी स्कूलों को भवन तथा परिसर की क्षमता से अधिक बच्चे न रखने, बच्चों को खेलने के लिए समुचित मैदान व अधोसंरचना की व्यवस्था, विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात बनाए रखने, वाजिब फीस, प्रवेश में किसी प्रकार के भेदभाव को रोकने तथा वर्दी व किताबें खरीदने के लिए अभिभावकों की स्वतंत्रता जैसे मानकों को हर हालत में सुनिश्चित बनाने के लिए कहा है।
इसके अतिरिक्त, शिक्षक व गैर शिक्षक स्टाॅफ को नियमानुसार वेतन अदायगी तथा उन्हें अन्य लाभ प्रदान करने पर विशेष बल दिया गया। दिहाड़ी तथा कम से कम न्यूनतम वेतन को लेकर किसी प्रकार की शिकायत को गंभीरतापूर्वक लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अधिकार कानून का सख्ती से पालन किया जाएगा। किसी प्रकार की कमी पाए जाने पर स्कूल को बंद करने से भी गुरेज नहीं किया जाएगा। यूनुस ने कहा कि वह भविष्य में ऐसे सभी स्कूलों का निरीक्षण करेंगे जहां कहीं से भी उन्हें शिकायत प्राप्त होगी।