लीलाधर चौहान/जंजैहली
सराज विधानसभा क्षेत्र के पंचायत बागाचुनोगी के राजकीय माध्यमिक पाठशाला में बच्चों के साथ पाठशाला मिड-डे मिल में दलित छात्रों के साथ भेदभाव का मामला सामने आया है। पाठशाला में बार-बार मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने से बच्चे दहशत में हैं।
इस घटना से संबंधित हमने राजकीय माध्यमिक पाठशाला में पढ़ने वाले छात्र के पिता नोक सिंह ने बताया कि उनके दो बेटे एक बेटी राजकीय माध्यमिक पाठशाला घैणीधार में पढ़ते हैं, लेकिन पाठशाला में मिड-डे मिल के भोजन को लेकर मिड डे मिल के कुछ कर्मचारी उन्हें खाने को लेकर मानसिक तौर प्रताड़ित करते हैं।
इस घटना के बारे में उन्होंने पुलिस थाना जंजैहली के एसएचओ सुरेंद्र कुमार शर्मा को सूचित किया तो पुलिस की टीम ने स्कूल में आकर के पीड़ित बच्चे व विभागों के ब्यान दर्ज करके अपनी कार्यवाही को अपने उच्च अधिकारी तक पहुंचाया। पीड़ित अभिभावक ने कहा कि उनका बच्चा मनोज कुमार आठवीं कक्षा का छात्र है जो हमेशा घर से पाठशाला जाता है, लेकिन बुधवार सुबह पाठशाला में जाने के लिए मना कर रहा था कि बच्चे से पाठशाला न जाने का कारण पूछा, लेकिन बच्चा डर के मारे कुछ नही बता रहा था। बच्चे को आश्वासन दिया कि कोई भी उसे नहीं मारेगा तब बच्चे ने बता ही दिया कि पाठशाला में उन्हें मानसिक तौर पर मिड-डे मिल कर्मचारी परेशान करते हैं।
उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का पता तब चला जब उनका बेटा मनोज कुमार बुधवार सुबह पाठशाला गया तो मानसिक तौर पर परेशान होने पर डर के कारण एक ढांग में छिप गया । इस दौरान जब इस ढांग से निकाला गया तो बच्चे ने बताया कि उन्हें पाठशाला में समान्य वर्ग के बच्चों से अलग बैठाया जाता है और उसे सबसे अंत में भोजन दिया जाता है। वहीं पीने का पानी भी न केवल बावड़ी में से नहीं दिया जाता है बल्कि गंदे पानी से थाली साफ करवाई जाती है।
क्या कहते हैं डीएसपी करसोग:-
इस मामले बारे डीएसपी करसोग अरुण मोदी से बात की तो उन्होंने बताया कि घटनास्थल का दौरा कर रहे हैं और मामले की गंभीरता से जांच की जा रहा है।
क्या कहते हैं प्राईमरी शिक्षा उपनिदेशक:-
इस मामले बारे प्राईमरी शिक्षा उपनिदेशक मंडी पीसी राणा ने कहा कि उन्हें मामले के बारे में जानकारी मिली है। उन्होंने बताया कि डीपीओ को जांच के लिए भेजा है। उन्होंने मामले में कड़ी कार्रवाई करने की बात कही। उन्होंने बताया कि इस तरह के मामले आना बहुत ही चिंतनीय विषय है, जिस पर गंभीरता से जांच करने के बाद दोषियों पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने यह भी बताया कि वे जहां भी स्कूल में जाते हैं स्वयं बच्चों के बीच मिड-डे मील खाने बैठ जाते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के आदेशानुसार वैसे तो रोल नंबर वाइज ही बिठाया जाना चाहिए। हां, अगर किसी स्कूल में इस तरह का जातीय मतभेद नहीं है, वहां बच्चे अपनी मर्जी से कहीं भी बैठ सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह के मामले किसी भी स्कूल में सामने आते हैं तो उस पर गंभीरता से जांच करने के बाद स्कूल के अध्यापकों व कर्मचारियों पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।