नितेश सैनी / सुंदरनगर
सुकेत सर्व देवता कमेटी इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेला में शांतिपूर्ण सांकेतिक अनशन और धरना-प्रदर्शन करने जा रही है। इसको लेकर सुकेत सर्व देवता कमेटी ने लिखित तौर पर डीसी व एसपी से अनुमति भी मांगी है। सुकेत सर्व देवता कमेटी के अध्यक्ष अभिषेक सोनी ने कहा कि शिवरात्रि मेला को देखने और यहां आए देवताओं का आशीर्वाद लेने मंडी जिला से लगभग सभी लोग आते हैं। उन्होंने कहा कि शिवरात्रि मेले के लिए प्रशासन द्वारा 216 देवी देवताओं को निमंत्रण दिया जाता है। उन्होंने कहा कि 216 देवताओं में सुंदरनगर और करसोग का एक भी देवता पंजीकृत नहीं है।
उन्होंने कहा कि प्रशासन राजाओं की तरह व्यवहार कर रहा है और उस समय दोनों रियासत के राजाओं में आपसी मनमुटाव होने के कारण देवताओं को एक दुसरे के मेलों में नहीं बुलाया जाता था। उन्होंने कहा कि देश आजाद होने पर रियासतों का विलय हुआ और भारत देश बना। लेकिन सुकेत व मंडी आंतरिक तौर पर एक नहीं हुआ। जिसका प्रमाण सुकेत के देवताओं का पंजीकरण शिवरात्रि मेला में न होना है। उन्होंने कहा कि आरटीआई के माध्यम से प्राप्त जानकारी के अनुसार मंडी के सभी उपमंडलों के देवता प्रशासन के पास पंजीकृत हैं, जहां देव रथ विद्यमान है। अगर इतिहास को देखे तो सुकेत सबसे पुरानी रियासत थी।
मंडी रियासत का उद्गम भी सुकेत रियासत से ही हुआ था। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर पहले भी प्रशासन के साथ कई बार पत्रचार किया ,परंतु प्रशासन सुकेत के देवताओं का पंजीकरण करना तो दूर कमेटी को भी नहीं बुलाया गया। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा सुकेत के देवताओं की अनदेखी किए जाने और देव समाज की भावना को आहत करने की सूरत में सुकेत सर्व देवता कमेटी मंडी शिवरात्रि मेला के दौरान शांतिपूर्ण सांकेतिक अनशन और धरना-प्रदर्शन करने जा रही है। अगर फिर भी मांगो को नहीं माना जाता तो धरने को उग्र रूप दिया जायेगा।