एमबीएम न्यूज़ /शिमला
हिमाचल विधानसभा में सोमवार को बजट पर चर्चा शुरू हुई। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बीते नौ फरवरी को वितीय वर्ष 2019-20 का बजट पेश किया था। बजट पर चर्चा की शुरुआत करते हुए विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने तीखे तेवर दिखाए। उन्होंने सीएम जयराम ठाकुर पर नई योजनाओं के नाम पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इस साल के बजट में सरकार ने 18 नई याजनाओं को शुरू करने का एलान किया है। जबकि पिछले बजट में 30 योजनाओं का उल्लेख था, जो कि अभी तक धरातल पर नहीं उतारी गई हैं। उन्होंने इन योजनाओं पर सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की। मुकेश ने बढते कर्ज के मुददे पर सरकार की खूब घेराबंदी करते हुए कहा कि सरकार ने प्रदेश को दिवालियापन की तरफ धकेल दिया है। बजट में विकास के लिए कोई रोडमैप ही नहीं है। स्वाइन फलू व डेंगू का इस बजट में उल्लेख तक नहीं है।
मुकेश ने कहा यह पहला बजट है, जिसमें सरकार बजट का आकार तय करना भी भूल गई है। मुख्यमंत्री ने ऐसा बजट प्रस्तुत किया है, जिसका आकार नहीं है। मुख्यमंत्री ने सदन में बजट के आकार का उल्लेख नहीं किया। बजट पेश करने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री की तरफ से बताया कि यह 44 हजार करोड का बजट है। उन्होंने अफसरशाही पर तंज कसते हुए कहा कि बजट के प्रोडयूसर व डायरेक्टर को इतना ही पता नहीं किया बजट का आकार कितना है। मुकेश ने सीएम को नसीहत दे डाली कि वह कर्ज और अफसरशाही से खुद को बचाएं। कहा कि बजट में 5 हजार 700 करोड़ का राजकोषीय घाटा बताया गया है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सीएम खुले तौर पर कह रहे हैं कि मैं कर्जे लेकर ही शासन चलाउंगा। बजट में संसाधन जुटाने की कोई कोशिश नहीं की गई। नगर निगम शिमला से लेकर प्रदेश और केंद्र तक भाजपा का ही साम्राज्य है, लेकिन हैरत इस बात की है कि विकास के लिए पैसा ही नहीं है। लोस चुनाव को देखते हुए बजट में कुछ श्रेणियों के मानदेय में चंद सौं रूपये बढ़ाए गए हैं। उन्होंने बढ़ते कर्ज के बावजूद कई बोर्डों के गठन पर भी सरकार पर हमले किए।