एमबीएम न्यूज/नाहन
5 जनवरी को निजी स्कूल बस हादसे में पहली बार प्रबंधन ने चुप्पी तोड़ी है। डीएवीएन पब्लिक स्कूल के छात्रों के अभिभावकों की एसएमसी की बैठक आयोजित हुई। इसमें सवाल पूछा गया है कि आखिर 2018-19 की मान्यता क्यों रद्द की जा रही है। परीक्षाओं के लिए महज दो महीने बचे हैं। अभिभावकों ने स्कूल से बच्चों को न हटाने की बात भी कही है।
प्रताप तोमर की अध्यक्षता में आयोजित स्कूल प्रबंधन समिति की बैठक के बाद प्रिंसीपल धीरेंद्र गोयल ने कहा कि अगर वो दोषी हैं तो सजा मिलनी चाहिए। मैकेनिकल फॉल्ट से हुए हादसे को लेकर हरेक को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। एसएमसी की बैठक में इस बात पर भी कड़ा एतराज जताया गया कि परिवहन विभाग द्वारा नई बस की पासिंग से क्यों इंकार किया जा रहा है। तर्क दिया गया कि स्कूल बस न होने की वजह से कई छोटे-छोटे बच्चों को पैदल ही स्कूल तक पहुंचना पड़ रहा है। बैठक के प्रस्तावों पर 141 अभिभावकों के हस्ताक्षर हैं।
मीडिया को उपलब्ध करवाई गई प्रस्ताव की प्रतिलिपि के मुताबिक अभिभावकों ने बच्चों को अन्य स्कूलों में हस्तांतरित न करने का फैसला लिया है तथा पूरे घटनाक्रम पर न्यायालय में चुनौती देने का भी निर्णय लिया गया है। स्कूल का 18 सालों से गौरवमयी इतिहास रहा है। स्कूल ने न केवल हिमाचल की मैरिट में स्थान हासिल किए, बल्कि खेलकूद प्रतियोगिताओं में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया है। इस स्कूल में 389 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।