नाहन (एमबीएम न्यूज): सिरमौर जिला के ट्रांसगिरी क्षेत्र में करीब 9 महीने से मनरेगा की दिहाड़ी नहीं मिली है। इसके चलते 18 पंचायतों में लगभग 10 लाख रूपए की देनदारी है। ट्रांसगिरी क्षेत्र में मनरेगा कानून का पालन सही ढंग से नहीं किया जा रहा है। इसके चलते मनरेगा योजना में काम करने वाले मजदूरों को 9-9 महीने तक उनकी मजदूरी का भुगतान नहीं किया जा रहा है।
नाहन में प्रैसवार्ता को संबोधित करते सुभाष तोमर।नाहन में सोमवार को आयोजित प्रैस वार्ता में यह बात मनरेगा मजदूर संगठन जिला सिरमौर के संयोजक सुभाष तोमर ने कही। तोमर ने कहा कि मजदूरों की मजदूरी का भुगतान समय पर नहीं होने से लोगों को रोटी के लाले पड़ गए हैं। तोमर ने कहा कि विकास खंड संगड़ाह की भलौना, सताहन, जरवा जुनेली, रणफुआ, रेड़ली, दाना घाटों आदि पंचायतों में बहुत से मनरेगा मजदूरों को 9 माह से मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है। जबकि जिला में करीब दस लाख का भुगतान इस योजना के तहत मजदूरों का देय है। इसके अलावा आवेदक को पावती रसीद भी नहीं दी जा रही है जोकि मनरेगा कानून 2005 का सरासर उल्लंघन है।
तोमर ने हैरानी जताते हुए कहा कि अफसोस तो इस बात का है कि ग्रामीण क्षेत्रो में इस कार्य का कोई सोशल आडिट भी नहीं किया जा रहा है, कार्यस्थल पर पीने के पानी, फस्र्ट एड बाक्स, एस्टीमेट, मस्ट्रोल की कोई व्यवस्था नहीं है। प्रैसवार्ता दौरान अध्यक्ष जगत शर्मा, उपाध्यक्ष राधा देवी, प्रैस सचिव सुन्दर सिंह, निक्का राम, हीरा सिंह, संतोष, कला देवी आदि उपस्थित रही।
विकलांगों को रोजगार नहीं
सुभाष तोमर ने योजना के क्रियान्वयन पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि मनरेगा योजना में विकलांग लोगों को रोजगार नहीं दिया जा रहा है। जबकि होना ये चाहिए था कि विकलांग लोगों को प्रमुखता के आधार पर रोजगार प्रदान किया जाता। तोमर ने कहा कि दूसरे लोग तो किसी अन्य क्षेत्र में भी काम पा सकते हैं। लेकिन विकलांगों को अन्य क्षेत्रों में रोजगार मिल नहीं पाता। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वो विकलांगों को इस योजना में प्रमुखता के आधार पर रोजगार प्रदान करे।
मनरेगा बंद करने की कोशिश हुई तो होगा विरोध
तोमर ने कहा कि मनरेगा से जुड़ी समस्याओं को उठा कर दूर करने के लिए ही मनरेगा मजदूर संगठन का गठन किया गया है, जिस प्रकार सरकार इस योजना में लगातार बजट में कटौती कर रही है। ऐसा अंदेशा है कि इस योजना को बंद भी किया जा सकता है। यदि सरकार ऐसा कोई कदम उठाती है तो उसका देशभर में विरोध किया जाएगा। तोमर ने कहा कि गत् वर्ष मनरेगा को लेकर हुई राष्ट्रीय स्तर की बैठक में भी मनरेगा को बंद करने की चर्चाओं पर जमकर विरोध हुआ था।
मनरेगा कमेटी होगी गठित
तोमर ने कहा कि मनरेगा की समस्याओं को उठाने तथा लोगों को जागरूक करने के लिए जिला भर में गांव स्तर पर कमेटी गठित की जाएगी। इसकी शुरूवात शिलाई व संगड़ाह क्षेत्र से हो चुकी है। तोमर ने कहा कि मनरेगा में किसी भी प्रकार की अनिमियतताएं संगठन द्वारा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
प्रशासन को 15 दिन का अल्टीमेटम
प्रैसवार्ता के दौरान तोमर ने कहा कि मनरेगा के तहत नियमित भुगतान करने व मनरेगा कानून 2005 के क्रियान्वयन को लेकर जिलाधीश व मनरेगा लोकपाल को ज्ञापन दिया गया है। यदि जिला प्रशासन 15 दिन के भीतर इस पर उचित कार्रवाई नहीं करता है तो संगठन इस बारे पंचायतीराज संगठन से मिलेगा।