एमबीएम न्यूज़/हमीरपुर
अजय ठाकुर कबड्डी खेल में पद्मश्री पुरस्कार लेने वाले पहले खिलाड़ी बने। सोलन जिला के दभोटा गांव के रहने वाले अजय वर्तमान में भारतीय कबड्डी टीम के कप्तान हैं। छह अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत को गोल्ड और एक में कांस्य पदक दिलाने वाले अजय ठाकुर को एक ही दिन दो खुशखबरियां मिलीं। पहले जयराम सरकार ने दिन में कुनिहार में परशुराम अवार्ड दिया। शाम को केंद्र सरकार ने पद्मश्री पुरस्कारों की सूची जारी की, जिसमें अजय ठाकुर का नाम शामिल था।
अजय ठाकुर ने दभोटा स्कूल टीम की कप्तानी से अपना सफर शुरू किया था। नवंबर 2017 से अजय भारतीय कबड्डी टीम के कप्तान हैं। कुश्ती पहलवान और नेशनल में कांस्य पदक विजेता दभोटा निवासी छोटू राम का इंटरनेशनल खेलने और पदक जीतने के सपने को उनके पुत्र पद्मश्री अजय ठाकुर ने साकार कर दिया है। कबड्डी टीम इंडिया के कप्तान अजय ठाकुर को इस वर्ष जहां प्रदेश सरकार से परशुराम अवार्ड मिला है। वहीं उन्हें देश के सबसे बड़े चौथे पद्मश्री अवार्ड से नवाजा जाएगा।
भारत रत्न, पद्म विभूषण व पद्म भूषण के बाद देश का यह चौथा बड़ा सम्मान है, जिसके लिए दभोटा निवासी अजय ठाकुर का चयन हुआ है। प्रो. कबड्डी लीग से धाक जमाने वाले और 700 रेड प्वाइंट के साथ अव्वल रहे अजय ठाकुर टीम थलाईवा के कप्तान भी हैं। अजय को इससे पहले हिमाचल गौरव व हिमाचली ऑफ ईयर के खिताब से भी नवाजा जा चुका है।
बतौर अजय ठाकुर तीन साल तक और कबड्डी खेलेंगे। उसके उपरांत अपने पैतृक गांव दभोटा में ही बड़े स्तर पर अकादमी खोलेंगे, जहां सूबे के खिलाड़ियों को वह प्रशिक्षित करेंगे। उन्होंने कहा कि नालागढ़ में हरियाणा व चंडीगढ़ की तर्ज पर एक ही स्थल पर सभी सुविधाओं व खेल मैदान वाला स्पोर्ट्स कांपलेक्स होना चाहिए, जहां सूबे के खिलाड़ियों को तराशा जा सके।