अमरप्रीत सिंह/सोलन
जिला का एक बहुत बड़ा हिस्सा खेतीबाड़ी व पशुधन पर निर्भर करता है। सोलन के अधिकतर लोगों की जीविका पशुधन व खेतीबाड़ी से चलती है। मगर इन दिनों ग्रामीण क्षेत्रों में लोग आवारा एवं पागल कुत्तों की समस्या से परेशान हैं। पिछले दिनों पागल कुत्तो ने गौशालाओं में बंधी गऊओं का अपना शिकार बनाया। जिस वजह से कई गायें पागल होकर मर गई और कुछ गायें पागल हो गई हैं। एंटी रेबीज के इंजेक्शन लगवाने के बावजूद भी ग्रामीणों के पशु पागल होकर मर रहे हैं। पागल कुत्ते के काटने से बीमार गाय
पागल हुई गऊओं से संक्रमण फैलने का खतरा भी बना हुआ है। ग्रामीणों ने पशुपालन विभाग द्वारा लगाए गए एंटी रेबीज के इंजेक्शनों की गुणवक्ता पर भी शक जाहिर किया। ग्रामीणों की मानें तो उन्होंने पशुपालन विभाग से अपने पशुओं का एंटी रेबीज का टीकाकरण भी करवाया था। लेकिन उसके बावजूद भी उनके पशु पागल होकर मर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि गांव में जगह-जगह कुत्तों की टोलियां घूमती रहती हैं। पागल कुत्तों के डर की वजह से उनका व उनके बच्चों का घर से बाहर निकलना मुश्किल होता जा रहा है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि उन्हें इन पागल व आवारा कुत्तों से निजात दिलाई जाए।
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