एमबीएम न्यूज़/शिमला
पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के खिलाफ की सार्वजनिक टिप्पणियां करने वाले प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू पर उनकी ही पार्टी के 11 विधायकों ने मोर्चा खोल दिया है। अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद सुक्खू द्वारा वीरभद्र सिंह पर की जा रही टिप्पणियों की कांग्रेस के इन विधायकों ने कड़ी आलोचना की है।
कांग्रेस विधायकों आशा कुमारी, धनीराम शांडिल, आईडी लखनपाल, नंद लाल, जगत सिंह नेगी, राजेंद्र राणा, मोहल लाल ब्राक्टा, विक्रमादित्य सिंह, विनय कुमार, आशीष बुटेल और पवन काजल ने तो सुक्खू को यह भी नसीहत दे डाली कि वीरभद्र सिंह पर आधारहीन व अशोभनीय बयानबाजी करने से पहले सुक्खू यह गौर कर लें कि अब वे प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष न होकर एक आम कार्यकर्ता है। और अब इस तरह के बयान देने का उनके पास कोई अधिकार नहीं है। इन विधायकों ने सुक्खू पर कड़े प्रहार करते हुए कहा कि वीरभद्र सिंह पर अशोभनीय टिप्पणियां करना उनकी बौखलाहट और बीमार मानसिकता को उजागर करता है।
कांग्रेस विधायकों ने कहा कि वीरभद्र सिंह न केवल हिमाचल प्रदेश कांग्रेस बल्कि पूरे भारत में वरिष्ठतम नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक के भारत के प्रधानमन्त्रियों के साथ देश व प्रदेश को उन्नति के पग पर ले जाने वाला कार्य किया है। इसके अतिरिक्त वीरभद्र सिंह हिमाचल प्रदेश के 6 बार मुख्यमंत्री, कई बार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व केन्द्रीय मन्त्री के रूप में भी देश के लोगों की सेवा कर चुके हैं। सुक्खू के हालिया बयान न केवल वीरभद्र सिंह अपितु कांग्रेस पार्टी व प्रदेश के लोगों को भी अपमानित करने वाले हैं।
कांग्रेस विधायकों ने बतौर पसीसी चीफ सुक्खू की कारगुजारी पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि उनकी जगह नये अध्यक्ष को बनाने का राहुल गांधी का निर्णय काबिलेतारीफ है।
कांग्रेस विधायकों ने कहा कि सुक्खू का यह बयान कि पिछले विधान सभा चुनाव में हार की जिम्मेवारी सरकार की है, संगठन की नहीं, हास्यस्पद और बचकाना है, क्योेंकि पार्टी अध्यक्ष होने के नाते यह दायित्व पार्टी का था और अपनी नैतिक जिम्मेवारी को दूसरे पर डालना किसी भी तरह उचित नहीं हैं। कांग्रेस विधायकांें ने बयातन में कहा कि होना तो यह चाहिए था कि विस चुनाव में हार का दोष दूसरों के सिर मढ़ने के बजाए हार की जिम्मेबारी को अपने उपर लेते हुए सुक्खू अध्यक्ष पद से खुद ही त्यागपत्र दे देते।
इन विधायकों ने कहा कि पिछले विधान सभा चुनाव में सुक्खू ने पार्टी अध्यक्ष होने के नाते जिन-जिन नेताओं को कांग्रेस टिकट दिये उनमें ज्यादातर नेता अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए।
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