एमबीएम न्यूज़/शिमला
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कुलदीप सिंह राठौर को हिमाचल प्रदेश कांग्रेस का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। इस संबंध में कांग्रेस के संगठन महासचिव अशोक गहलोत की तरफ से कल शाम अधिसूचना जारी कर दी गई। कुलदीप सिंह राठौर का जन्म 29 अगस्त 1960 को जिला शिमला की कुमारसेन तहसील में हुआ। वह छात्र राजनीति में एनएसयूआई में सक्रिय रहे और वर्ष 1981 से 1987 तक एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष रहे। इसके बाद उनका पदार्पण युवा कांग्रेस में हुआ। बाद में वह प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता और महासचिव भी रहे।
वर्तमान में राठौर एआईसीसी के सदस्य हैं। कुलदीप सिंह राठौर को वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा का करीबी माना जाता है। राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राठौर को बड़ी जिम्मेदारी दी है। हालांकि बीते वर्ष अक्तूबर में भी राठौर का नाम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के लिए उभर कर सामने आया था। लेकिन तब कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की तरफ से साफ किया गया था कि सुक्खू आगामी लोकसभा चुनाव तक अपने पद पर बने रहेंगे। अब अचानक सुक्खू को हटा दिया गया है।
यहां बता दें कि सुक्खू को साल 2013 में वीरभद्र की जगह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया था। उन्हें हटाने के लिए बडे समय से संगठन में कवायद चल रही थी। हिमाचल में कांग्रेस के दिग्गज व पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने सुक्खू को हटाने के लिए सार्वजनिक तौर पर मोर्चा खोल रखा था। वह सुक्खू की कार्यशैली पर खुले तौर पर सवाल उठा चुके थे। कुछ माह पहले वीरभद्र सिंह का यह भी बयान आया था कि सुक्खू के नेतृत्व में पार्टी सशक्त होने के बजाय कमजोर हो रही है। वीरभद्र सिंह प्रदेश कांग्रेस कमेटी में सुक्खू द्वारा की गई नियुक्तियों पर भी सवाल खड़ा कर रहे थे।
समझा जाता है कि वीरभद्र सिंह की सहमति से ही राठौर को अध्यक्ष बनाया गया है। चुंकि हाईकमान यह बात भली-भांति जानता है कि वीरभद्र सिंह को दरकिनार कर आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत संभव नहीं है। बहरहाल सुक्खू की पीसीसी चीफ से विदाई पर पूरा वीरभद्र खेमा अंदरखाते फूले नहीं समा रहा। अब नवनियुक्त अध्यक्ष राठौर को प्रदेश कांग्रेस में खेमेबाजी से निपटना बहुत बड़ी चुनौती होगी। सनद रहे कि सुक्खू के छह साल तक अध्यक्ष पद पर काबिज रहने के दौरान प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर रही।