एमबीएम न्यूज़/ऊना
जिला ऊना अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। अस्पताल में प्रसव पीड़ा से जूझ रही महिला को अस्पताल में उपचार न मिलने से निजी अस्पताल जाना पड़ा। अस्पताल प्रशासन का हाल तो तब देखने का था जब प्रसव पीड़ा झेल रही महिला को अस्पताल में एडमिट तक नहीं किया गया। मौके पर पहुंचे विधायक सतपाल रायजादा के हस्तक्षेप के बाद भी पीडिता को उपचार नहीं मिल सका। अंतत: पीड़िता को निजी अस्पताल में ही उपचार लेना पड़ा।
अस्पताल में मरीजों को उपचार न मिलने पर विधायक रायजादा का गुस्सा सातंवे आसमान पर पहुंच गया। काफी देर तक एमएस व विधायक के बीच गहमा-गहमी होती रही। विधायक ने आरोप लगाया कि एमएस अपनी ड्यूटी को सही ढंग से नही निभा रहे है, बल्कि कमरे में बैठकर हीटर सेंक रहे है। विधायक ने चेतावनी दी है कि अगर अस्पताल में व्यवस्थाएं न सुधरी तो आंदोलन किया जाएगा। मामला यह था कि ऊना की एक गर्भवती महिला की डिलीवरी की तारीख 7 जनवरी दी गई थी लेकिन निर्धारित तिथि पर डिलीवरी नहीं हो पाई। त
बियत बिगड़ने पर जब पीड़ित को अस्पताल लाया गया तो अस्पताल के चिकित्सकों ने उसे उपचार देना भी मुनासिफ नहीं समझा। स्त्री रोग विशेषज्ञ भी ऑपरेशन ड्यूटी पर थे, जबकि दूसरे डॉक्टर कोर्ट गए थे। विधायक रायजादा ने कहा कि अस्पताल प्रशासन स्वास्थ्य सुविधाएं देने में नाकाम साबित हुआ है। अगर जल्द ही व्यवस्थाएं न सुधरी तो वह आंदोलन करेंगे। वही एसएमओ डॉक्टर बीवी कटोच ने कहा कि संबंधित डॉक्टर के पास 5 ऑपरेशन थे। जिस कारण समस्या आई है।
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