नितेश सैनी/सुंदरनगर
हिमाचल दृष्टिहीन संघ के प्रधान शोखू राम एवं दिव्यांगजनों की कानूनी सलाहकार कुशल कुमार सकलानी ने तकनीकी शिक्षा निदेशालय, आईपीएच विभाग, हिमाचल पथ परिवहन निगम, स्वास्थ्य निदेशालय में 100 प्रतिशत दिव्यांगजनों को भर्ती प्रक्रिया के दौरान अयोग्य ठहराया जा रहा है। प्रदेश सरकार के इस ढुलमुल रवैया से दिव्यांगजन काफी आहत है। आईपीएच विभाग में लैब असिस्टेंट के इंटरव्यू के लिए नेत्रहीन अभ्यर्थी के लिए आरक्षित पद के लिए पात्रता रखने वाले केशव राम को अभी तक विभाग की ओर से नियुक्ति पत्र तक नहीं दिया गया है।
इसी तरह से शोभू राम को जिला समाज कल्याण अधिकारी के पद पर तैनाती नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि हाल ही में तकनीकी शिक्षा निदेशालय में दिव्यांगजनों के लिए हुए इंटरव्यू में शत-प्रतिशत दिव्यांगों को बाहर का दरवाजा दिखा दिया है। जिससे यह वर्ग सरकार के भेदभावपूर्ण रवैया से काफी आहत है, क्योंकि नियमों के तहत शत-प्रतिशत दिव्यांगता रखने वाले अभ्यर्थी को प्राथमिकता दी जाती है। लेकिन यहां पर सरकार और विभाग की अफसरशाही ने नियमों को ताक पर रखकर अन्य वर्ग की तैनाती कर डाली है।
बताया जा रहा है कि इसमें सरकार और विभाग ने अपने चेहतों की नियुक्तियां नियमों की अनदेखी करके की गई है और शत-प्रतिशत दिव्यांगता के शिकार लोगों को तवज्जो नहीं दी गई है, जोकि कानून व नियमों की सरेआम अवहेलना है। उन्होंने बताया कि इस मसले को जल्द ही कानूनी प्रक्रिया के तहत अमलीजामा पहचाया जाएगा।
संघ ने इसके अलावा दिव्यांगजनों की सेवानिवृत्ति की आयु सीमा 58 से 60 वर्ष करने और एक्ट 49/2016 को अशरक्ष: लागू करने के आदेश सरकार जारी करे। संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री कार्यालय समेत मुख्य सचिव कार्यालय में इस संदर्भ में बात करके अपना पक्ष भी रखा है।
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