एमबीएम न्यूज/नाहन
हैड कांस्टेबल वेद प्रकाश की मुस्तैदी की वजह से शहर में सिंथैटिक व कैमिकल दवाओं का सरगना सलाखों के पीछे है। हालांकि इस सफलता में पुलिस की एसआईयू की भी अहम भूमिका है, लेकिन जिस तरह का जोखिम हैड कांस्टेबल वेद प्रकाष ने उठाया, उसकी हर कोई जमकर प्रशंसा कर रहा है। यहां तक की उसकी जांबाजी के मुरीद पुलिस विभाग के अधिकारी भी हो गए हैं। 25-26 दिसंबर की रात ड्रग सप्लायर को बहादुरी से दबोचने में कामयाब रहा था। वीरवार को चंडीगढ़ के 32 सेक्टर स्थित मेडिकल कॉलेज में हैड कांस्टेबल की सफल सर्जरी हुई है।
सुबह साढे़ 7 बजे के आसपास ऑपरेशन थियेटर ले जाया गया। करीब 12 घंटे के बाद उन्हें वार्ड में शिफ्ट किया गया है। हाथ की सर्जरी हुई है। शरीर के कुछ हिस्सों में भी चोटें हैं, लेकिन हाथ की सर्जरी अहम थी। मल्टीपल इंजरी व फ्रैक्चर की वजह से नाहन मेडिकल कॉलेज से हैड कांस्टेबल को चंडीगढ़ रैफर किया गया था। मूलतः कोलर के रहने वाले हैड कांस्टेबल से चंडीगढ़ में मिलने वालों का भी तांता लगा हुआ है। अंतिम समाचार के मुताबिक सर्जरी के बाद हैड कांस्टेबल को होश नहीं आया था। सुबह ही बातचीत करने की स्थिति में आ सकते हैं।
सनद रहे कि हरिपुरखोल के समीप एसआईयू ने नाका लगा रखा था। इस दौरान हरियाणा का रहने वाला प्रदीप कुमार नशे की बड़ी खेप लेकर अपनी कार में पहुंचा, जिसके पास हथियार भी थे। पुलिस को देखते ही प्रदीप कुमार ने छलांग लगाकर भागने की कोशिश की। निहत्थे ही हैड कांस्टेबल ने उसको पीछा कर दबोच लिया। इसी दौरान हैड कांस्टेबल बुरी तरह से चोटिल हो गया। सनद रहे कि गिरफ्तार आरोपी के कब्जे से नशे के 7200 कैप्सूल के अलावा 100 बोतल कफ सिरप बरामद किया गया था। अहम बात है कि खाकी की मामूली सी चूक पर जमकर उंगली उठाई जाती है, लेकिन इस तरह की जांबाजी दिखाई जाती है तो शायद जमकर पीठ नहीं थपथपाई जाती।
हर किसी को इस बात की भी प्रशंसा करनी चाहिए कि जहां हर कोई कड़कती ठंड में घर पर दुबका हुआ था, वहीं हैड कांस्टेबल वेद प्रकाश एक टार्च के सहारे घने जंगल में एक सर्द रात में एक ऐसे अपराधी को दबोचने में लगा था, जिसने युवा पीढ़ी को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी होगी। उधर हैड कांस्टेबल वेद प्रकाश के साथ मौजूद एचएचसी राजेश चौहान ने बताया कि सर्जरी सफल रही है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि सुबह तक बातचीत करने की स्थिति में आ जाएंगे।