एमबीएम न्यूज/नाहन
सैंट्रल जेल से पैरोल की आड़ में फरार कैदी प्रमोद कुमार पुत्र राजपाल को चंडीगढ़ पुलिस ने दबोच लिया है। कैदी करीब अढ़ाई साल पहले पैरोल से फरार हो गया था। शिलाई में 9 साल पहले डकैती के मामले में प्रमोद कुमार को सात साल की सजा हुई थी। तीन अन्य आपराधिक मामलों में भी प्रमोद को कोर्ट से सजा के आदेश दिए गए थे।
जेल के रिकॉर्ड में करीब 39 साल के प्रमोद कुमार का पता चंडीगढ़ का है, लेकिन मूलतः यूपी का रहने वाला है। पैरोल से फरार होने के बावजूद भी प्रमोद ने अपनी आपराधिक प्रवृति नहीं छोड़ी। यही कारण था कि वापस सलाखों के पीछे पहुंच गया। बताया जा रहा है कि चंडीगढ़ पुलिस ने प्रमोद के कब्जे से एक रिवाल्वर व पांच जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं। चंडीगढ़ की मलोया पुलिस को सूचना मिली थी कि एक अपराधी अपनी बहन के घर में रह रहा है, जो संभवतः डकैती की योजना को अंजाम दे रहा है।
जानकारी के मुताबिक प्रमोद कुमार के खिलाफ विकास नगर में भी आर्म्स एक्ट का मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके अलावा चंडीगढ़ की ही एक आपराधिक घटना में भी उसे सात साल की सजा हुई थी। नाहन जेल में सजा पूरी होने के बाद उसे चंडीगढ़ जेल में रहना पड़ता। करीब साढ़े पांच साल की सजा काटने के बाद प्रमोद कुमार पैरोल से फरार हो गया। जानकारों का कहना है कि नाहन जेल का प्रशासन भी इस मामले में सीधे ही कोर्ट में शिकायत दर्ज करेगा, क्योंकि इस तरह के मामले में जेल अधीक्षक द्वारा ही कैदी के गिरफ्त में आने के बाद कोर्ट में शिकायत दर्ज करवाई जाती है।
उधर सैंट्रल जेल के सहायक अधीक्षक विकास भटनागर ने पुष्टि करते हुए बताया कि चंडीगढ़ पुलिस ने प्रमोद कुमार की पिछली आपराधिक प्रवृति को लेकर जानकारी हासिल की है।
Latest
- हिमाचल में चुनाव आयोग ने दी नियुक्तियों व तबादलों को मंजूरी, 61 मामले मंजूर
- उपचुनाव : नेता चुनावों में मस्त, बस स्टैंड के मुद्दे पर दशकों से जनता हो रही त्रस्त
- अगर खान-पान की बात करोगे तो बात सोने-चांदी तक भी जाएगी, वो कहां से आए
- नाहन में नरेंद्र मोदी का बड़ा चौक से चौगान तक का सफर, 34 साल बाद प्रधानमंत्री की होगी मौजूदगी
- नाहन : माइक्रो ऑब्जर्वर मतदान प्रक्रिया का गहनता से करें अवलोकन : जंग बहादुर