एमबीएम न्यूज़/पावंटा साहिब
रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया द्वारा सिरमौर के ट्रांसगिरी क्षेत्र को जनजातीय दर्जा के मामले दोबारा सर्वे व रजिस्ट्रेशन रद्द करने पर क्षेत्र के लोग भड़क उठे हैं। शिलाई क्षेत्र के कफोटा में रविवार को क्षेत्र के तमाम हिस्सों से आए प्रतिनिधियों ने ऐलान कर दिया है कि यदि ट्रांसगिरी क्षेत्र को ट्रायबल स्टेटस देने के बारे में सरकार ने स्थिति साफ़ नहीँ की तो आने वाले चुनावों का पूर्ण रूप से बहिष्कार किया जाएगा। सड़कों पर उतर कर उग्र आंदोलन भी किया जाएगा। कफोटा में प्रतिनिधियों ने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए रजिस्ट्रेशन रद्द होने का कड़े शब्दों में विरोध जताया। रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया द्वारा ट्रांसगिरी क्षेत्र का रजिस्ट्रेशन रद्द करने से हाटी क्षेत्र के लोगो में खासा उबाल है। रजिस्ट्रेशन रद्द होने को स्थानीय लोगों ने इसे राज्य व केंद्र सरकार की नाकामी करार दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि राज्य सरकार ने इस संबंध में आरबीआई को जो रिपोर्ट दी थी उसमें कई खामियां थी। जिसके चलते आरजी आई ने ट्रांसगिरी हाटी क्षेत्र का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया। ऐसे में हाटी क्षेत्र को ट्राईबल स्टेटस मिलना असंभव हो गया है।
लिहाजा सरकार से नाराज हाटी क्षेत्र के लोगों ने आगामी लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। कफोटा क्षेत्र में नारेबाजी से पहले हाटी अधिकार मंच ने कफोटा विश्रामगृह में एक बैठक का आयोजन किया। बैठक में हाटी क्षेत्र के अलग-अलग हिस्सों से आए प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में निर्णय लिया गया है कि यदि राजनीतिज्ञों ने उनका साथ नहीं दिया और सरकार ने 1 महीने के अंदर स्थिति स्पष्ट नहीं की तो हाटी क्षेत्र के लोग सड़कों पर उतर कर उग्र प्रदर्शन करेंगे। सड़क जाम कर दी जाएंगी और स्कूल कॉलेज बंद करा दिए जाएंगे, ताकि सरकार के कानों तक क्षेत्र के लोगों की आवाज पहुंचे।
दरअसल ट्रांसगिरी हाटी क्षेत्र के लोग पिछले 3 दशकों से क्षेत्र को कबायली क्षेत्र घोषित करवाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन आरजीआई हाटी क्षेत्र के रजिस्ट्रेशन को तीन बार रद्द कर चुका है। जिससे क्षेत्र को ट्राईबल स्टेटस मिलने का मामला आगे नहीं बढ़ पा रहा है। अभी कुछ ही समय पहले प्रदेश सरकार की सिफारिश पर पुनः ट्राईबल का दर्जा देने के लिए सर्वे कर फाईल आरजीआई में भेजी गई थी। जिसे अब आरजीआई द्वारा रद्द कर दिया गया है। अब इस फाईल के दोबारा रिजेक्ट हो जाने के बाद स्थानीय हाटी समुदाय ने इसे प्रदेश सरकार की नाकामी माना है। ऐसे में लोगों ने अब सरकारों के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है।