कुल्लू (एमबीएम न्यूज): जिला के दुर्गम गांव मलाणा के बाशिंदों को अन्य पिछड़ा वर्ग की केंद्रीय सूची में शामिल करने के प्रस्ताव को लेकर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने शुक्रवार को मलाणा हाईड्रो पॉवर प्रोजेक्ट के विश्राम गृह में जनसुनवाई की। अध्यक्ष न्यायमूर्ति वी. एश्वरैया के नेतृत्व में आए इस दल में आयोग के दो सदस्य एस.के. खरवेंथन और ए.के. सैणी भी शामिल थे। न्यायमूर्ति वी. एश्वरैया और अन्य सदस्यों ने जनसुनवाई के दौरान बड़ी संख्या में उपस्थित मलाणावासियों से सीधा संवाद किया तथा वस्तुस्थिति का जायजा लिया।
न्यायमूर्ति वी. एश्वरैया ने कहा कि मलाणा की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और यहां के लोगों की आर्थिक व सामाजिक स्थिति को देखते हुए उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग की केंद्रीय सूची में शामिल किया जाएगा। हालांकि, प्रदेश सरकार ने इन लोगों को वर्ष 2000 में ही राज्य की ओबीसी सूची में शामिल कर दिया है, लेकिन जागरूकता के अभाव में अभी तक ये लोग इसका लाभ नहीं उठा पाए हैं। न्यायमूर्ति एश्वरैया ने मौके पर ही राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अतिशीघ्र मलाणावासियों को ओबीसी सर्टिफिकेट जारी करें। इस अवसर पर आयोग के सदस्यों ने लोगों को ओबीसी सूची में शामिल होने पर मिलने वाली विभिन्न सुविधाओं की जानकारी भी दी।
जनसुनवाई के दौरान मलाणावासियों ने अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग भी रखी। लोगों की इस मांग पर न्यायमूर्ति एश्वरैया ने कहा कि यह राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के कार्यक्षेत्र में नहीं आता है लेकिन आयोग इसकी अनुशंसा केंद्र सरकार को प्रेषित करेगा।
इससे पहले कार्यवाहक एडीएम रोहित राठौर ने आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों का स्वागत किया तथा जनसुनवाई में उपस्थित मलाणावासियों का आभार जताया। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के विशेष सचिव संजीव भटनागर, आयोग के रिसर्च ऑफिसर डा. राजेश वर्मा, जिला कल्याण अधिकारी प्रताप नेगी, तहसीलदार एसपी जसवाल और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।