एमबीएम न्यूज़ / नाहन
कालाअंब-पावंटा साहिब हाईवे पर जुड्डा के जोहड़ के समीप 19 -20 नवंबर की रात कार में एक शख्स के जिंदा जलने की वारदात में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। रोंगटे खड़े कर देने वाली इस वारदात में एक गरीब मजदूर को जिंदा जलाकर मौत के घाट उतार दिया गया था। वारदात को एक हादसा दिखाने की स्क्रिप्ट लिखी गई थी, लेकिन शातिरों पर सिरमौर के पुलिस की सोच भारी पड़ गई। पुलिस ने इस मामले में एक मुर्दे को जिंदा कर दिया है। आप यह जानकर भी चकित हो जाएंगे की जलती कार का वीडियो बनाने वाले आरोपी ही थे। जिन्होंने ही मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों के अलावा एंबुलेंस कर्मियों को व्हाट्सएप पर वीडियो भेजा। पुलिस ने इस मामले में मोहाली के 29 वर्षीय रवि कुमार निवासी बलटाना (जीरकपुर) को सबसे पहले सोमवार की शाम अरेस्ट कर लिया। आज तड़के तक चले ऑपरेशन में मुख्य आरोपी आकाश को पलवल (हरियाणा) से ट्रेन में सफर के दौरान दबोच। इससे पहले इटावा तक पुलिस ने उसका पीछा किया, मगर बिहार भागने में सफल हो गया। इसी बीच पुलिस ने उस पर तीखी नजरे डाले रखी, फिर पुलिस को उसके ट्रेन में होने की भनक लग गई।
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सूत्रों के मुताबिक उसने चंद दिनों में ही अपनी पूरी पहचान बदल ली थी, लेकिन खाकी भी एक कदम आगे निकली। पांच दिन पुलिस के रिमांड के दौरान ही रवि ने मर्डर मिस्ट्री से जुड़े राज खोलने शुरू कर दिए। सूत्रों का यह भी कहना है कि एक गरीब मजदुर को बेरहमी से पीटने के बाद उसे कार में डालकर आग के हवाले कर दिया गया। इस मामले में मुख्य आरोपी के परिवार की संलिप्ता भी सामने आ रही है। लिहाजा और गिरफ्तारियों की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।
20 नवंबर की रात जुड्डा का जोहड़ के नजदीक धूं-धूं कर चलती कार में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। हर कोई यही सोच रहा था कि मामूली सी टक्कर पर कार में ऐसी क्या आग भड़की कि एक शख्स पलक झपकते ही जिंदा जल गया, यही बात पुलिस को खटकने लगी। संयोग से कार में दो लोगो के सवार होने का खुलासा हो गया है। पुलिस को यह भी पता चल गया कि एक दूसरी कार पीछे चल रही थी।
दो दिन तक पुलिस को मरने वाले का कोई सुराग नहीं मिला, लेकिन अब जले कागज के एक टुकड़े ने पुलिस को डेराबस्सी के आकाश का सुराग दिया। आप यह जानकर दंग रह जाएंगे कि कार में मौत के आगोश में समाने वाला आकाश नहीं था। यहां तक कि उसके परिवार ने मरने का ढोंग रचा था। पुलिस को भटकाने के मकसद से आकाश के मरने का मातम भी मनाया गया। इसके अलावा नाहन आकर आकाश के भतीजे व पत्नी ने लाश की शिनाख्त भी कर दी थी। कोई भी इस बात को नहीं मानने को तैयार था कि चंद सेकेंड में ही कोई व्यक्ति कार में जलकर मर सकता है।
सूत्रों का कहना है कि आकाश के मरने का नाटक इसलिए किया गया था ताकि उसके नाम पर लाखों रुपए की इंश्योरेंस पॉलिसी को हड़पा जा सके।
ऐसे भी भारी पड़ी पुलिस
शुरू से ही पुलिस को शक था मगर इसकी भनक किसी को नहीं लगने दी गई। दो दिन तक मरने वाले की पहचान को लेकर भी संशय बना रहा, लेकिन शायद पुलिस ने जानबूझकर मरने वाले शख्स के नाम का वही खुलासा कर दिया जो शातिर चाहते थे, ताकि उनके गिरेबान तक पहुंचने में आसानी हो सके। इसी बीच डेथ सर्टिफिकेट जारी न करने को लेकर जरुरी हिदायत भी नगर परिषद को दे दी गई थी। मामला आईपीसी की धारा 302, 204 व 34 के तहत दर्ज किया जा चूका था।
यह था बड़ा सवाल…
पुलिस के सामने सवाल था कि अगर कार में आकाश की मौत नहीं हुई है तो कौन व्यक्ति था जिसे मौत के घाट उतारा गया था। बेहद खामोशी से पुलिस आगे कदम बढ़ाती रही, तब पता चला कि आकाश के घर पर काम करने वाले एक मजदूर को कार में जिंदा जला दिया गया था। आकाश की कार में मजदूर को बिठाया गया था। इसके पीछे ही एक सेंट्रो कार भी चल रही थी। पुलिस भी इस तरह की वारदात को देखकर सन्न है। इस मामले में मुख्य आरोपी आकाश के भतीजे को पुलिस ने पंजाब से गिरफ्तार कर लिया है। सूत्रों के मुताबिक आकाश ने ही इस पूरे मामले की स्क्रिप्ट लिखी। साथ ही अपने घर वालों को कहा था कि जब उसकी मौत को लेकर डेथ सर्टिफिकेट मिल जाए तो इंश्योरेंस की रकम हासिल कर लें। वह अपनी पहचान बदलकर कहीं और रह लेगा। सूत्रों के मुताबिक पहली गिरफ्तारी के बाद ही पुलिस को इस बात का पता चल गया था कि मरने वाला व्यक्ति राजस्थान का रहने वाला है, जिसके परिजनों को मंगलवार को ही सूचित कर दिया गया है।
उधर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र ठाकुर ने पुष्टि करते हुए कहा कि मुख्य आरोपी को लाया जा रहा है। उन्होंने माना कि शातिरों ने बेहद खौफनाक प्लानिंग की थी, साथ ही बताया कि मरने वाले की पहचान भी कर ली गई है जिसके परिजनों को सूचित कर दिया गया है।