एमबीएम न्यूज़ /शिमला
प्रदेश में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट(पोस्ट कोड 556) का अंतिम नतीजा जारी क्यों नहीं हो रहा है,यह एक रहस्य बनता जा रहा है। हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग इस बाबत कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं कर रहा,लेकिन अभ्यार्थियों के सब्र का पैमाना लगातार टूटता जा रहा है। ऐसे में सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया जा रहा है। आरोप लगाया जा रहा है कि जानबूझकर इस कारण नतीजा जारी नहीं किया जा रहा,क्योंकि अनुचित उम्मीदवारों को एंट्री दी जाने की कोशिश है।
आशंका जाहिर की जा रही है कि जानबूझकर नतीजे को लटकाया जा रहा है। संघर्ष संघ लगातार कह रहा है कि पोस्ट कोड संख्या 447 के तहत अर एन्ड पी रूल्स को दरकिनार कर भर्तियां की गई थी। इसी की तर्ज पर 556 में भी असंवैधानिक तरीके से अनुचित उम्मीदवारों को एंट्री देने का खाका तैयार किया जा रहा होगा। उनका कहना है कि किसी भी हाल में अयोग्य अभ्यर्थियों को योग्य मानकर चयनित नहीं किया जा सकता। साथ ही गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों द्वारा जारी किए गए अवैध प्रमाण पत्रों डिप्लोमा इत्यादि गैरकानूनी है। अभ्यार्थियों ने चेतावनी दी है कि भविष्य में अगर अयोग्य अभ्यर्थियों को लाभ दिया जाता है तो मजबूरन उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा। कुल मिलाकर नतीजे में लगभग 2 साल की देरी के पीछे क्या राज है,यह बात तो कर्मचारी चयन आयोग का अधिकारिक प्रेस ब्यान ही स्पष्ट कर सकता है।
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